» देश
Freebies by political parties: रेवड़ी कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, 3 जजों की बेंच को पुनर्विचार के लिए भेजा
Go Back | Yugvarta , Aug 26, 2022 11:25 AM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image New Delhi :  रेवड़ी कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है। कोर्ट ने 3 जजों की बेंच के पास मामला भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में मुफ्त सुविधाओं के वादे के मामले को पुर्नविचार के लिए भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि चुनावी लोकतंत्र में असली ताकत मतदाताओं के पास होती है।

वोटर ही पार्टियों और उम्मीदवारों का फैसला करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मसले पर विशेषज्ञ कमेटी का गठन सही होगा। लेकिन उससे पहले कई सवालों पर विचार जरूरी है। 2013 के सुब्रमण्यम बालाजी फैसले

Freebies by political parties रेवड़ी कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. कोर्ट ने 3 जजों की बेंच के पास मामला भेज दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त रेवड़ियों को गंभीर मुद्दा बताते हुए इस पर व्यापक विचार विमर्श पर जोर दिया था।

की समीक्षा भी जरूरी है। हम यह मामला 3 जजों की विशेष बेंच को सौंप रहे हैं। इस मामले में 2 हफ्ते बाद सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर अदालत का यह फैसला आया है। कोर्ट ने कहा कि ‘फ्रीबीज’ टैक्सपेयर का महत्वपूर्ण धन खर्च किया जाता है। हालांकि सभी योजना पर खर्च फ्रीबीज नहीं होते। यह मसला चर्चा का है और अदालत के दायरे से बाहर है।

अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा करनी चाहिए। इसके लिए कमेटी बनाना अच्छा रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ सवाल हैं जैसे कि न्यायिक हस्तक्षेप का दायरा क्या है? क्या अदालत किसी भी योजना को लागू करने योग्य आदेश पास कर सकती है? समिति की रचना क्या होनी चाहिए? कुछ पार्टी का कहना है कि सुब्रमण्यम बालाजी 2013 के फैसले पर भी पुनर्विचार की जरूरत है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि फ्रीबिज एक ऐसी स्थिति पैदा कर सकती है, जहां राज्य को दिवालिया होने की ओर धकेल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी मुफ्त घोषणा का इस्तेमाल पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह राज्य को वास्तविक उपाय करने से वंचित करता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन लोकतंत्र में निर्वाचक मंडल के पास सच्ची शक्ति है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुफ्त रेवड़ियों को महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दा बताते हुए इस पर व्यापक विचार विमर्श पर जोर दिया था। कोर्ट ने कहा कि केंद्र इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुला कर चर्चा क्यों नहीं करता। हालांकि कोर्ट के इस सवाल का केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तत्काल जवाब देते हुए कहा कि पहले ही कई राजनैतिक दल कोर्ट में आ चुके हैं जो मुफ्त रेवड़ियों पर नियंत्रण का विरोध कर रहे हैं ऐसे में हो सकता है सर्वदलीय बैठक में नतीजा न निकले।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
Moto G64 5G: लॉन्च हुआ Motorola का
उत्तराखंड में गरजे अमित शाह- ये कांग्रेस
गले में दर्द के साथ है हल्का
सलमान खान से मिले महाराष्ट्र के CM
UPSC CSE 2023 FINAL Result: यूपीएससी 2023
Lok Sabha Election / BSP ने जारी
 
 
Most Visited
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(451 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(438 Views )
ऋषिकेश रैली में अचानक बोलते हुए रुक
(363 Views )
Lok Sabha Election 2024: BJP
(349 Views )
गुरु रविदास जी महाराज के 647वें प्रकाश
(344 Views )
MI vs RCB / आरसीबी के खिलाफ
(327 Views )