जस्टिस उदय उमेश ललित देश के अगले चीफ जस्टिस नियुक्त, 27 अगस्त को ग्रहण करेंगे पदभार
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Yugvarta
, Aug 10, 2022 09:01 PM 0 Comments
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Delhi : जस्टिस उदय उमेश ललित को देश का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है. वह भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. वह 27 अगस्त को वर्तमान चीफ जस्टिस एनवी रमना के पद छोड़ने के बाद अपना पदभार ग्रहण करेंगे. सूत्र के मुताबिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नियुक्ति वारंट पर हस्ताक्षर करने के बाद न्यायमूर्ति यूयू ललित को मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को 27 अगस्त से प्रभावी रूप
जस्टिस उदय उमेश ललित वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बने और उसके बाद अब मुख्य न्यायाधीश बनने वाले दूसरे जज हैं. इससे पूर्व जस्टिस एसएम सीकरी देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश बने थे. उन्हें भी बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया था. जस्टिस सीकरी का कार्यकाल 1971 से अप्रैल 1973 तक था
से देश के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर रहे हैं.
वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले दूसरे वकील हैं जस्टिस ललित
बता दें कि जस्टिस उदय उमेश ललित वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बने और उसके बाद अब मुख्य न्यायाधीश बनने वाले दूसरे जज हैं. इससे पूर्व जस्टिस एसएम सीकरी देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश बने थे. उन्हें भी बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया था. जस्टिस सीकरी का कार्यकाल 1971 से अप्रैल 1973 तक था.
कई महत्वपूर्ण मामलें के वकील रह चुके हैं न्यायाधीश उदय उमेश ललित
गौरतलब है कि महाराष्ट्र से आने वाले जस्टिस ललित अगस्त 2014 में वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनाए गए थे. उनके पिता मुंबई हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं. वह तीन तलाक को खत्म करने वाली बेंच के सदस्य रहे हैं. जनवरी 2019 में अयोध्या में रामजन्म भूमि विवाद का फैसला करने वाली संविधान पीठ से जस्टिस ललित स्वयं हट गए थे. उन्होंने कहा था कि वह इस मामले में 1997 में यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं, इसलिए वह इस बेंच का हिस्सा नहीं बनेंगे.
वर्तमान में कई महत्वपूर्ण मामलों की कर रहे हैं सुनवाई
बता दें कि जस्टिस यूयू ललित इस समय करोड़ों कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण मामले जैसे- वेतन से पीएफ/पेंशन फंड काटने की सीमा बढ़ाने के खिलाफ ईपीएफओ की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं.