ई-गवर्नेंस : योगी सरकार के इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम ऐप्लीकेशन से शासन के काम अब होंगे तेज़ी से
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Rupali Mukherjee
, Aug 06, 2022 09:26 AM 0 Comments
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Lucknow : लखनऊ, 6 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ई-गवर्नेंस के सपने को योगी सरकार उत्तर प्रदेश में तेजी के साथ अमली-जामा पहनाने में जुटी हुई है। पुलिस महकमे से लेकर सभी विभागों को ऑनलाइन प्रणाली से पहले ही जोड़ा जा चुका है। अब इसके बाद शासकीय कामों में इस्तेमाल होने वाले कन्ज्यूमेबल आइटम की खरीद को भी पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में कर दिया गया है।
संयुक्त सचिव अजय कुमार पांडेय की ओर से बताया गया कि सचिवालय प्रशासन ने 'इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम एप्लीकेशन' को तैयार किया है। इससे प्रदेश सचिवालय के सभी विभागों, अनुभागों, अधिकारियों, मंत्रीगण व उनके स्टाफ
सचिवालय प्रशासन विभाग ने तैयार किया इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम ऐप्लीकेशन
ऑनलाइन होगा शासन के कार्यों में इस्तेमाल होने वाले कन्ज्यूमेबल आइटम की खरीद का रिकॉर्ड
ऑफिस स्टेशनरी की मांग के लिए अधिकारी अपने सरकारी यूजर आईडी से ही कर सकेंगे लॉगिन
द्वारा शासकीय कार्यों में उपयोग किये जाने वाले कन्ज्यूमेबल आइटम (स्टेशनरी आदि) की मांग की व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया गया है। पहले ये मांग भौतिक रूप से की जाती थी, जिसे 1 अगस्त से हमने ऑनलाइन व्यवस्था के जरिये संचालित करना शुरू कर दिया है।
इस सुविधा के बाद अब अधिकारियों की ओर से इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम एप्लीकेशन की वेबसाइट https://consumablessad.up.gov.in पर शासकीय कार्य के लिए उपभोग की जाने वाली सामग्री की मांग की जा सकती है। इसके लिए अधिकारी अपने सरकारी यूजर आईडी से लॉगिन कर सकेंगे। लॉगिन के बाद उन्हें अपना डिपार्टमेंट और पद चुनना होगा। इसके बाद आइटम सेलेक्ट करके उनकी संख्या दर्ज करते हुए कार्ट में ऐड करना है और सेंड बटन दबा देना है।
सेंड बटन क्लिक करने पर रिक्वेस्ट सम्बंधित आवंटनकर्ता के पास पहुंच जाएगी। उनके एप्रुव करने पर आवेदनकर्ता के लॉगिन पर रिक्वेस्ट का स्टेटस शो होने लगेगा। इसके बाद लॉगिन पर दिख रहे ऑनलाइन आवंटन स्लिप का प्रिंट निकालकर संबंधित स्थान से सामग्री की प्राप्ति की जा सकेगी।
ई-गवर्नेंस की दिशा में नित नये कदम उठा रही योगी सरकार की इस पहल से सचिवालय के शासकीय कार्यों में काफी सहूलियत मिलने की उम्मीद है। शासकीय कार्यों में उपयोग होने वाले सामानों (स्टेशनरी आदि) की खरीद की प्रक्रिया जहां पहले से ज्यादा पारदर्शी होगी, वहीं दूसरी ओर कागज के उपयोग में भी कमी आएगी।