Lucknow : मानसून (Monsoon 2022) की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath) ने 15 जिलों में कम बोवाई को लेकर खास तौर पर चिंता जताई, लेकिन आश्वस्त किया है कि किसानों का नुकसान नहीं होने देंगे। सभी जिलों की 24 घंटे निगरानी के साथ ही उन्होंने फसल मैपिंग कराकर बोवाई का ब्योरा जुटाने का निर्देश अधिकरियों को दिया है।
फसलों की ठीक से बोवाई ने होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताई चिंता
बरसात और बोवाई की रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी। वहीं, भविष्य में इन हालात से सचेत रहने के लिए विकासखंड स्तर पर रेन गेज लगाने केउत्तर प्रदेश में ठीक से बारिश न होने के चलते फसलों को काफी नुकासान हुआ है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 15 जिलों कम वर्षा के चलते फसलों की बोवाई न होने पर चिंंता जताई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फसल की बोवाई का ब्योरा जुटाएं।
लिए निर्देशित किया है।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर कम वर्षा (Rain In UP) को लेकर समीक्षा बैठक की थी।
बैठक में उन्होंने कहा कि इस वर्ष 31 जुलाई तक प्रदेश में कुल 191.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो कि वर्ष 2021 में हुई 353.65 मिमी और वर्ष 2020 में हुई 349.85 मिमी वर्षा के सापेक्ष कम है।
इस बीच एकमात्र आगरा ऐसा जिला रहा, जहां सामान्य (120 प्रतिशत से अधिक) वर्षा हुई। इन परिस्थितियों में सभी किसानों से संवाद-संपर्क बनाए रखें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश- 24 घंटे करें निगरानी
सरकार सभी किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए संकल्पित है। जरूरत के अनुसार किसानों को हरसंभव सहायता दी जाएगी, एक भी किसान का नुकसान नहीं होने देंगे।
उन्होंने अधिकारियों को 24 घंटे निगरानी करते हुए हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा।
निर्देश दिया कि प्रदेश में बरसात और खरीफ फसल बोवाई की अद्यतन रिपोर्ट तत्काल भारत सरकार को भेजी जाए। एक सप्ताह के भीतर सभी जिलों में फसलों की मैपिंग कराकर फसल बोवाई का विवरण तैयार कराया जाए।
योगी ने कहा कि वर्षा मापन अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। सरकार की अनेक नीतियां इसके आकलन पर निर्भर करती हैं।
मौसम की सही जानकारी देने के लिए पोर्टल विकसित करें- योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में तहसील स्तरों पर रेन गेज यानी वर्षा मापक यंत्र लगाए गए हैं। इन्हें विकासखंड स्तर पर लगाया जाए। अधिकाधिक वर्षा मापक यंत्रों से वर्षा की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
अगले चरण में इसे न्याय पंचायत स्तर पर विस्तार दिया जाए। वहीं, अधिक सटीक अनुमान और उसके अनुसार मौसम अलर्ट के लिए कमिश्नरी स्तर पर यंत्र स्थापित किए जाएं।
इस काम में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सहायता भी लें। योगी ने निर्देश दिया कि किसानों को मौसम की सही जानकारी देने के लिए राज्य स्तर पर पोर्टल विकसित करें।
इसी प्रकार फसल बोवाई की जानकारी के लिए डाटा बैंक तैयार किया जाए। किसान की उन्नति के लिए नीति-निर्धारण में यह डाटा बैंक उपयोगी सिद्ध होगा।
अधिकांश जिलों में सामान्य से कम वर्षा
फिरोजाबाद, एटा, हाथरस, खीरी, औरैया, चित्रकूट, प्रतापगढ़, वाराणसी और हापुड़ में सामान्य का 80 से 120 प्रतिशत और मथुरा, बलरामपुर, ललितपुर, इटावा, भदोही, आंबेडकरनगर, मुजफ्फरनगर, गाजीपुर, कन्नौज, जालौन, मेरठ, संभल, सोनभद्र, लखनऊ, सहारनपुर और मीरजापुर में सामान्य से कम 60 से 80 प्रतिशत वर्षा हुई है। प्रदेश में 30 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से 40 से 60 तक ही वर्षा दर्ज की गई है। 19 जिलों में 40 प्रतिशत से भी कम बरसात हुई है। इन जिलों में खरीफ फसलों की बोवाई प्रभावित हुई है। कानपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, गोंडा, मऊ, बहराइच, बस्ती, संतकबीर नगर, गाजियाबाद, कौशांबी, बलिया, श्रावस्ती, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर, कुशीनगर, जौनपुर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद और रामपुर जिले में सामान्य की तुलना में मात्र 40 प्रतिशत बरसात हुई है। इन जिलों पर विशेष ध्यान रखने के लिए सीएम ने कहा है।
कम वर्षा के बाद भी रामपुर में 98 प्रतिशत बोवाई
योगी ने कहा कि प्रदेश में आम तौर पर 15 जून तक वर्षा का मौसम शुरू हो जाता रहा है, जो 15 सितंबर तक जारी रहता है। खेती-किसानी की समृद्धि के लिए यह प्राकृतिक वर्षा अमृत है। इस बार मानसून सामान्य नहीं है। प्राकृतिक वर्षा जल से ङ्क्षसचाई के साथ-साथ सरकार की ओर से नहरों, नलकूपों के विस्तार से सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाया गया है। रामपुर ऐसा जिला है, जहां सामान्य की तुलना में मात्र 18 प्रतिशत बरसात ही हुई, लेकिन अब तक यहां 98 प्रतिशत फसल की बोवाई हो चुकी है।
जुलाई के दूसरे पखवाड़े में कुछ संभले हालात
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य वर्षा न होने के कारण खरीफ फसलों की बोवाई का काम प्रभावित हुआ है। 19 जुलाई के बाद हुई बरसात से स्थिति में काफी सुधार हुआ है। खरीफ अभियान 2022-23 के अंतर्गत 13 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष एक अगस्त तक 81.49 लाख हेक्टेयर की बोवाई हो सकी है, जो कि लक्ष्य का 84.8 प्रतिशत ही है। मौसम वैज्ञानिकों के आकलन के अनुसार अगस्त और सितंबर में वर्षा की स्थिति सामान्य रहेगी। 15 जिले ऐसे हैं, जहां लक्ष्य के सापेक्ष 75 प्रतिशत से कम बोवाई हुई है। इनकी परिस्थिति पर सतत नजर रखी जाए।