Maharashtra Politics: भाजपा के राहुल नार्वेकर बने विधान सभा अध्यक्ष, पहले टेस्ट में एकनाथ शिंदे पास; शिवसेना का दफ्तर सील
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Yugvarta
, Jul 03, 2022 01:09 PM 0 Comments
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Mumbai : महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हुआ। विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन विधानसभा का नया स्पीकर चुनने के लिए वोटिंग हुई। स्पीकर चुनाव में भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर जीत गए हैं। उद्धव सरकार को गिराने के बाद एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में पहला शक्ति परीक्षण जीत लिया है। भाजपा के राहुल नार्वेकर विधानसभा में नए स्पीकर नियुक्त हुए हैं। भाजपा को 164 से ज्यादा वोट मिले हैं, जबकि शिवसेना के राजन साल्वी को 107 वोट मिले हैं।
विपक्ष की मांग पर डिप्टी स्पीकर ने विधायकों
Maharashtra Politics महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरु हुआ। पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ। भाजपा के राहुल नार्वेकर विधानसभा में नए स्पीकर नियुक्त हुए हैं। राहुल को 164 से ज्यादा वोट मिले हैं।
की गिनती शुरू कराई थी। विधानसभा में 287 विधायक हैं और जीत के लिए 144 का मैजिक फिगर चाहिए था। हालांकि, वोटिंग में सिर्फ 273 विधायकों ने भाग लिया।
सपा और एआईएमआईएम के दो-दो विधायकों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। AIMIM विधायकों ने किसी के भी पक्ष में मतदान नहीं किया। स्पीकर चुनाव में वोटिंग से समाजवादी पार्टी ने किनारा कर लिया। सपा के दो विधायकों ने किसी को वोट नहीं दिया।
शिवसेना का दफ्तर सील
शिवसेना पर एकनाथ शिंदे गुट ने पूरी तरह कब्जा जमा लिया है। इस बीच आज जब महाराष्ट्र में विधानसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव होना है तो यहां मौजूद शिवसेना के दफ्तर को भी सील कर दिया गया है। हालांकि, अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये दफ्तर सील किस गुट के कहने पर किया गया है। नोटिस में लिखा गया है कि शिवसेना विधानमंडल दल की तरफ से दफ्तर सील कराया गया है।
जानें- राहुल नार्वेकर के बारे में
45 साल के राहुल नार्वेकर पेशे से वकील हैं। उनके पिता सुरेश नार्वेकर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में पार्षद थे। उनके भाई मकरंद बीएमसी के वार्ड नंबर 227 से दूसरी बार पार्षद बने हैं। उनकी भाभी हर्षता भी बीएमसी के वार्ड नंबर 226 से पार्षद हैं। राहुल नार्वेकर 2014 से पहले शिवसेना में थे, लेकिन लोकसभा का टिकट नहीं मिला, तो पार्टी छोड़ एनसीपी में शामिल हो गए। 2014 में मवाल लोकसभा सीट से मैदान में उतरे, लेकिन हार मिली। फिर नार्वेकर भाजपा में शामिल हो गए। 2016 में गवर्नर कोटे से नार्वेकर विधानपरिषद पहुंचे। वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोलोबा विधानसभा सीट से जीत हासिल की।