सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुलपतियों से कहा, समन्वय से किए जा सकते हैं बड़े से बड़े कार्य
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Yugvarta
, Jun 20, 2022 12:58 PM 0 Comments
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Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी भी बड़े कार्य को सकुशल और सफलतम रूप में सम्पन्न करने के लिए समन्वय की जरूरत होती है। जबतक समन्वय नहीं होगा तबतक कोई उपलब्धिपूर्ण कार्य संभव नहीं हो सकता। मैंने व्यक्तिगत जीवन में इसे आजमाया है, तभी इंसेफेलाइटिस के उन्मूलन जैसे कार्य संभव हो सके हैं। मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में गोरखपुर के सभी चार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बातचीत में बातचीत कर रहे थे।
नैक मूल्यांकन के लिए एमएमयूटी से मार्गदर्शन और सहयोग लेने की दी सलाह
नैक का 'ए' ग्रेड हासिल करने की उपलब्धि को लेकर मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर में गोरखपुर के सभी चार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बातचीत में बातचीत कर कहा कि आपसी समन्वय से बड़े से बड़े कार्य किए जा सकते हैं। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि वह विश्वविद्यालयों में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्य करें।
कुलपति प्रो. जेपी पांडेय को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विभागीय समन्वय का ताजा उदाहरण है। अन्य कुलपतियों से उन्होंने कहा कि वह प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की कार्यशैली का अनुसरण करें। नैक मूल्यांकन के लिए वहां से मार्गदर्शन और सहयोग लें। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े कार्य के लिए छोटी टीम बनाए, जिससे नेतृत्व को उसके साथ समन्वय बनाने में आसानी हो। छाेटी टीम के साथ लक्ष्य पर फोकस करना भी आसान हो जाता है।
विश्वविद्यालयों में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्य करें उन्होंने कुलपतियों से कहा कि वह अपने-अपने विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्य करें। अध्ययन-अध्यापन के लिए लक्ष्य आधारित योजना बनाएं और उनका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें। इस दौरान प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. अतुल वाजपेयी और महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह मौजूद रहे।
अगले चक्र के लिए अभी से करें तैयारी
बातचीत के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय को सलाह दी कि नैक मूल्यांकन की वर्तमान सफलता की प्रेरणा से भविष्य में होने वाले अगले चक्र के मूल्यांकन के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दें। एक सर्वकालिक योद्धा को ऐसा ही करना चाहिए। कुलपति ने उन्हें आश्वस्त किया कि इसकी योजना बना ली गई है। कार्यान्वयन भी एक-दो दिन में शुरू कर दिया जाएगा। शिक्षण संस्थानों को नैक मूल्यांकन हर पांच वर्ष में कराना होता है।