NEW DELHI : देश की राजनीतिक तस्वीर का स्वरूप तय करने वाला उत्तर प्रदेश अगले माह होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में भी बड़ी भूमिका निभाएगा। विपक्षी गोलबंदी में जुटीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयास यहां लगभग बेअसर ही होंगे, क्योंकि देशभर के मतदाता जनप्रतिनिधियों के कुल मत मूल्य 10,86,431 का 14.86 प्रतिशत हिस्सा यूपी के पास है।
इसमें यदि बहुजन समाज पार्टी अपनी धुर विरोधी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ हाथ मिला ले तो भी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी के लिए 1,19,084 मत मूल्य की बड़ी बढ़त के साथ ग्रीन कारिडोर बनाने में भाजपा गठबंधनPresident Election 2022 देशभर के सभी राज्यों का वोट मिलाकर भी भारतीय जनता पार्टी गठबंधन का विपक्षी एकजुटता पर भारी पड़ना तय है लेकिन सबसे बड़ा राज्य होने के नाते उत्तर प्रदेश भी अपना सीधा असर राष्ट्रपति चुनाव पर छोड़ने के लिए तैयार है। सक्षम है।
यूं तो देशभर के सभी राज्यों का वोट मिलाकर भी भारतीय जनता पार्टी गठबंधन का विपक्षी एकजुटता पर भारी पड़ना तय है, लेकिन सबसे बड़ा राज्य होने के नाते उत्तर प्रदेश भी अपना सीधा असर राष्ट्रपति चुनाव पर छोड़ने के लिए तैयार है। सभी राज्यों से चयनित लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के वोट का मूल्य बराबर है, जो कि 700 है। वहीं, विधायकों के वोट का मूल्य आबादी की गणना के अनुसार तय होता है।
लगभग 25 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश के विधायकों का मूल्य सर्वाधिक 208 है। यहां 80 लोकसभा सीट, 31 राज्यसभा सदस्य और 403 विधायक हैं। इस तरह लोकसभा सदस्यों का कुल मूल्य 56,000 होता है, लेकिन अभी रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है, इसलिए अभी 78 सीटों की ही गणना है, जिनका कुल मूल्य 54,600 निकलता है। सर्वाधिक 62 सांसद भाजपा के हैं और दो सहयोगी अपना दल (एस) के हैं।
इनका मत मूल्य 44,800 हो जाता है, जबकि विपक्षी गोल में शामिल होने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव के पास तीन सांसदों का कुल मत मूल्य मात्र 2100 ही है। कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट है, जिसका मूल्य 700 है। देखा जाए तो दूसरे स्थान पर बसपा है, जिसके दस सांसदों के वोट का मूल्य 7000 है।
इसी तरह राज्यसभा की 31 सीटों का कुल 21,700 है, जिसमें 25 सीटों के साथ भाजपा काफी आगे है। उसके 25 सांसद 17500 मूल्य जुटा लेंगे, जबकि सपा के पास 3500 (पांच राज्यसभा सदस्य), बसपा के एक सदस्य का 700 और कांग्रेस का शून्य है। इसी तरह विधायकों के वोटों की संख्या भी सबसे अधिक भाजपा गठबंधन के पास है। 403 विधायकों के वोट का मूल्य 83,824 होता है।
इसमें से 273 वोट के साथ 56,784 का मूल्य भाजपा गठबंधन के पास है। 125 विधायकों वाले सपा गठबंधन के पास कुल मूल्य 26,000 है। कांग्रेस और जनसत्ता दल के दो-दो विधायक हैं। यह 416-416 का मूल्य रखे हैं, जबकि बसपा के पास एक विधायक के वोट का 208 मूल्य है।
इस सीधे-सीधे गणित को भी देखें तो भाजपा गठबंधन राजग प्रत्याशी को उत्तर प्रदेश से 1,19,084 मत मूल्य की बढ़त देगा। सपा और कांग्रेस मिलकर भी 32,716 ही होता है। यहां बसपा पर सभी की नजर जरूर होगी, क्योंकि माना जा रहा है कि वह शायद सपा और कांग्रेस के साथ विपक्षी गोल में शामिल न हो। हो सकता है कि वह भी राजग प्रत्याशी को ही समर्थन कर दे। तब 7,908 मत मूल्य का बोनस राजग प्रत्याशी को मिल सकता है।
यह है उत्तर प्रदेश के आंकड़ों की तस्वीर
विधायक - 403, कुल मत मूल्य - 83,824
भाजपा गठबंधन - 273, मूल्य - 56,784
सपा गठबंधन - 125, मूल्य - 26,000
कांग्रेस - 2, मूल्य - 416
जनसत्ता दल - 2, मूल्य - 416
बसपा - 1, मूल्य - 208
लोकसभा सदस्य - 80, कुल मूल्य - 56,000
भाजपा गठबंधन - 64, मूल्य- 44,800
बसपा- 10, मूल्य - 7,000
सपा गठबंधन - 3, मूल्य - 2,100
कांग्रेस - 1, मूल्य - 700
(नोट- रामपुर और आजमगढ़ सीट पर उपचुनाव होना है। अभी उनके वोटों की गणना शामिल नहीं है।)
राज्यसभा सदस्य - 31, कुल मूल्य - 21,700
भाजपा- 25, मूल्य - 17,500
सपा गठबंधन - 5, मूल्य - 3,500
बसपा - 1, मूल्य - 700
कांग्रेस - 0 |