» उत्तर प्रदेश » लखनऊ
अयोध्‍या में रामलला के दर्शन से पहले करें देवस्थानम में पूजन-अर्जन, 31 मई से मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा; शामिल होंगे येगी आदित्‍यनाथ
Go Back | Yugvarta , May 26, 2022 02:39 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Lucknow :  रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर तो निर्मित हो ही रहा है लेकिन रामलला के दर्शन मार्ग पर ही द्रविड़ शैली में निर्मित रामलला देवस्थानम पूर्ण हो चुका है। यहां 31 मई से मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान प्रारंभ होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। देवस्थानम में श्रीराम, सीता, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न एवं हनुमान जी के विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान चार जून तक चलेगा।

इसका निर्माण प्रख्यात कथाव्यास एवं रामानुजीय परंपरा के शीर्ष आचार्य जगद्गुरु डा. राघवाचार्य करा रहे हैं। उन्होंने तीन वर्ष पूर्व करीब एक एकड़ परिसर में देवस्थानम का शिलान्यास रामलला की इस प्रार्थना के

रामलला के दर्शन मार्ग पर द्रविड़ शैली में निर्मित रामलला देवस्थानम का काम पूर्ण हो चुका है। यहां 31 मई से मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान प्रारंभ होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।

साथ किया था कि देवस्थानम का निर्माण पूरा होते-होते रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा और आज देवस्थानम की पूर्णता के साथ उनकी यह प्रार्थना भी पूरी भव्यता से फलीभूत हो रही है।

द्रविड़ परंपरा में मंदिर को दिव्य देश कहा जाता है। स्थापत्य की शास्त्रीयता के अनुरूप दिव्य देश में गर्भगृह, अद्र्ध मंडप, पूर्ण मंडप, गोपुरम, राज गोपुरम, गरुड़ स्तंभ एवं बलि पीठ के रूप में मुख्यतया सात प्रखंड होते हैं और देवस्थानम इन सभी प्रखंडों से संयोजित है। राज गोपुरम यानी मंदिर का सिंहद्वार भव्यता और कला का शानदार उदाहरण है।

राज गोपुरम पांच तल का है। प्रत्येक तल जय-विजय की प्रतिमा से सज्जित है और 55 फीट ऊंचा संपूर्ण राज गोपुरम अनेक शिखरों-श्रेणियों के साथ भगवान के सभी 24 अवतारों और अनेकानेक देव प्रतिमाओं से सज्जित है। अकेले पूर्वाभिमुख राज गोपुरम ही नहीं गोपुरम यानी मंदिर का उत्तराभिमुख उप द्वार भी भव्यता का पर्याय है। गर्भगृह का शिखर राज गोपुरम से कुछ ऊंचा है।

यहां हुआ था श्रीराम का नामकरण संस्कार : पारंपरिक मान्यता के अनुसार, जिस स्थल पर रामलला देवस्थानम का निर्माण हो रहा है, वहां गुरु वशिष्ठ ने श्रीराम सहित चारों भाइयों का नामकरण संस्कार भी किया था।

मंदिर निर्माण की तीन शैलियां : देश में मंदिर निर्माण की तीन शैलियां हैं। ये हैं, नागर, द्रविड़ और बेसर शैली। उत्तर भारत में प्रचलित नागर शैली के मंदिर का प्रवेश द्वार भव्य लेकिन सादा होता है और उसकी ऊंचाई आरोही क्रम में गर्भगृह की ओर उन्मुख होती है। गर्भगृह के ऊपर बने शिखर से उसे चरम का स्पर्श मिलता है।

दूसरी ओर दक्षिण भारत में प्रचलित द्रविड़ शैली के मंदिर गोपुरम यानी प्रवेश द्वार से ही चमत्कृत करते हैं। ये विशालता-भव्यता के साथ कला का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। बेसर शैली के मंदिर में नागर और द्रविड़ शैली का समावेश होता है। इसका विन्यास द्रविड़ शैली का और रूप नागर शैली का होता है।

मृगशिरा नक्षत्र में होगा गर्भगृह का भूमि पूजन : राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण शुरू होने से एक जून को भूमि पूजन होगा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य तथा रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी शामिल होंगे। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि राम मंदिर के लिए शिलाओं की तराशी सितंबर 1990 से ही हो रही है।

गर्भगृह के लिए तराशी गई शिला का ही पूजन शुभ मुहूर्त में किया जाएगा। भूमि पूजन की शुरुआत एक जून को सुबह नौ बजे हो जाएगी। यह जयेष्ठ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि होगी। इस दिन बुधवार पड़ रहा है। वास्तुविद् पं. प्रवीण शर्मा के अनुसार, द्वितीया तिथि वास्तुकर्म, प्रतिष्ठा के लिए सर्वथा अनुकूल होती है।

भूमि पूजन मृगशिरा नक्षत्र में होगा। इस नक्षत्र का योग पूर्वाह्न 11:26 तक है। द्वितीया के योग में यह नक्षत्र अति शुभ है और नक्षत्र के स्वामी स्वयं निर्माण के कारक मंगल ही हैं। गर्भगृह भगवान का घर ही है और गृह तथा निर्माण के सभी कार्यों में मृगशिरा नक्षत्र को शुभ माना जाता है।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन करने के बाद
उत्तराखंड के अलावा इन बड़े राज्यों में
अभिनेता सिद्धार्थ के साथ विवाह बंधन में
प्रबुद्ध सम्मेलन के जरिए क्लीन स्वीप का
प्रबुद्ध सम्मेलन में CM योगी बोले
लोकसभा चुनाव 2024 :'अबकी बार 400 पार'
 
 
Most Visited
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(430 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(419 Views )
Lok Sabha Election 2024: BJP
(330 Views )
गुरु रविदास जी महाराज के 647वें प्रकाश
(322 Views )
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी लाइव : यूपी मतलब
(262 Views )
Lok Sabha Elections / बज गया चुनाव
(236 Views )