सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, गोरखपुर में जल जमाव से निपटने के लिए त्रिस्तरीय कार्ययोजना तैयार करें अधिकारी
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Yugvarta
, Mar 31, 2022 04:31 PM 0 Comments
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Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी कीमत पर इस बार गोरखपुर शहर में जलजमाव नहीं होना चाहिए। मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गोरखपुर के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए त्रिस्तरीय कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि पहले लघु अवधि की कार्ययोजना तैयार की जाए। उसके बाद मध्यम अवधि एवं अंत में दीर्घ अवधि की कार्ययोजना बनाकर काम किया जाए, जिससे हमेशा के लिए शहर को जल जमाव से मुक्त किया जा सके। उन्होंने इस संबंध में कार्ययोजना बनाकर जल्द भेजने को कहा। मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गोरखपुर में विकास कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बरसात से पहले सभी विकास कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए त्रिस्तरीय कार्ययोजना बनाई जाए।
शहर में चल रहे सभी विकास कार्यों को बरसात से पहले हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असुरन-मेडिकल रोड के दोनों ओर बनाए गए नालों को जल्द ठीक कर लिया जाए। जेल बाईपास का निर्माण मई महीने तक पूरा हो जाना चाहिए। जंगल कौड़िया-मोहद्दीपुर सड़क के दोनों ओर मोहल्लों में नाला न बनने एवं विद्युत से जुड़ा कार्य अभी तक न होने के कारण जल निकासी नहीं हो पा रही है। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि इस मार्ग से जुड़े सभी कार्य एक महीने के भीतर पूरा कर लिए जाएं। मुख्यमंत्री ने गोड़धोइया नाले के प्रस्ताव के बारे में भी जानकारी ली। उनके समक्ष इस प्रस्ताव का प्रस्तुतीकरण भी दिया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रस्तुत प्रस्ताव का सर्वे पूरा कराते हुए नगर विकास विभाग को वित्त पोषण के लिए निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण सड़क व नाली निर्माण का काम जल्द पूरा कराए। आवास विकास के क्षेत्र में सड़क व नाली निर्माण का काम आवास विकास परिषद द्वारा कराया जाएगा। अन्य क्षेत्रों में नगर निगम अवस्थापना निधि से सड़क व नाली का निर्माण कराने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया।
बैठक में उपस्थित मंडलायुक्त ने जल जमाव से मुक्ति के लिए चल रही चार प्रमुख परियोजनाओं करीब 33 करोड़ रुपये लागत की ग्रीन सिटी परियोजना, 244 करोड़ रुपये लागत वाली गोड़धोइया नाला परियोजना, सड़क व नाली निर्माण के लिए 275 करोड़ रुपये की परियोजना की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। बैठक में जिलाधिकारी विजय किरन आनंद, जीडीए उपाध्यक्ष प्रेमरंजन सिंह, नगर आयुक्त अविनाश सिंह, जीडीए के मुख्य अभियंता पीपी सिंह, पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता बीबी श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
जून तक पूरा कर लिया जाए गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग का काम हर हाल में जून 2022 तक पूरा कर लिया जाए। आयुष विश्वविद्यालय एवं सैनिक स्कूल के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे निर्धारित समय से पूरा करने को कहा। मुख्यमंत्री ने महिला बटालियन, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय के लिए जमीन की व्यवस्था जल्द करने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया।
शहर के तालाबों के सुंदरीकरण की बनाएं योजना
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शहर के सभी तालाबों के सुंदरीकरण की योजना बनाई जाए। तालाबों को चिह्नित कर विभिन्न योजनाओं से आच्छादित कराते हुए सुंदरीकरण की कार्यवाही की जाए। उन्होंने नगर निगम को निर्देश दिया कि सभी पार्कों का सुंदरीकरण कराया जाए। उन्होंने वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का संचालन करने एवं आसपास की गंदगी साफ करने का निर्देश दिया।
जाम की समस्या से दिलाएं मुक्ति
मुख्यमंत्री ने जाम की समस्या को भी दूर करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि नो इंट्री के समय कोई भी ट्रक सड़क के किनारे खड़ा न होने पाए। भारी वाहनों को गीडा में ट्रांसपोर्टनगर भेजा जाए। उन्होंने पथ विक्रेताओं को शिफ्ट करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का संचालन सुचारू रूप से करने को कहा। मुख्यमंत्री ने विभिन्न सड़कों, जंक्शन को चिह्नित करते हुए स्मार्ट रोड बनाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने असुरन मेडिकल रोड, असुरन-काली मंदिर, शास्त्री चौक, बेतियाहाता भगत सिंह चौक तक सड़क को ठीक किया जाए। सड़क के दोनों किनारों की दुकानों को एक रंग में रंगा जाए।
प्लास्टिक मुक्त शहर बनाए नगर निगम
मुख्यमंत्री ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जाए। नगर निगम के नए कार्यालय भवन का निर्माण पूरा कराकर उसे पूरी तरह से संचालित किया जाए। विभिन्न मोहल्लों में छोटे-छोटे तालाबों को चिह्नित किया जाए। किसी भी पार्क या खाली प्लाट में कूड़ा नहीं रहना चाहिए।