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मौनी अमावस्या पर यमुना में आस्था की डुबकी, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में उमड़ी भीड़
Go Back | Yugvarta , Feb 01, 2022 12:43 PM
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News Image Agra :  भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में मौनी अमावस्या पर मंगलवार को श्रद्धालुओं ने यमुना में आस्था की डुबकी लगाई। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भी आराध्य के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह सात बजे से लेकर पूर्वाह्न 11 बजे तक मंदिर परिसर में अच्‍छी भीड़ रही।

धार्मिक महत्व है कि मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान, दान, पुण्य करने से कष्ट दूर होते हैं। भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा भी की जाती है। पितरों को तर्पण, पिंडदान किया जाता है। लोग मौन व्रत भी रखते हैं। मंगलवार सुबह से ही लोग यमुना स्नान करने पहुंचने लगे। खुशहाली के लिए

सर्द सुबह और जबरदस्‍त कोहरे के बीच भी श्रद्धालुओं का कम नहीं हुआ उत्‍साह। बर्फ समान यमुना के ठंडे जल में मंगलवार सुबह मौनी अमावस्‍या पर हुआ स्‍नान। मंदिर में गार्डों को व्यवस्था संभालने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

दान-पुण्य किया। श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति के संस्थापक अमित भारद्वाज ने बताया कि मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने से कष्ट दूर होते हैं। दान-पुण्य का कई गुना फल मिलता है। उधर, ठाकुर बांकेेबिहारी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही। बांकेबिहारी के दर्शन और पंचकोसीय परिक्रमा के बाद श्रद्धालुओं ने व्रत खोला।

बांकेबिहारी मंदिर में मौनी अमावस्‍या पर उमड़ी भीड़।

मौनी अमावस्या पर सबसे अधिक भक्तों की भीड़ ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन को उमड़ी। मंदिर में एंट्री के लिए प्रबंधन ने गाइडलाइन जारी कर रखी हैं। बावजूद ग्रामीण इलाकों से आये श्रद्धालुओं ने गाइडलाइन को धता बताते हुए मंदिर में एंट्री पाने में सफलता हासिल कर ली। मंदिर में गार्डों को व्यवस्था संभालने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। श्रद्धालुओं ने राधावल्लभ, राधादामोदर, राधारमण मंदिर के दर्शन किए और पंचकोसीय परिक्रमा कर दानपुण्य किया। परिक्रमा मार्ग में छाई कोहरे की चादर भी भक्तों की आस्था को डिगा न सकी और परिक्रमा में भक्तों के कदम बढ़ते नजर आए।

बढ़ती भीड़ बिगाड़ न दे हालात

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में बढ़ती भीड़ कोरोना कोलेकर हालात बिगाड़ सकती है। मंदिर के अंदर तो कोविड गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है, लेकिन मंदिर के बाहर भीड़ ऐसी है कि सारे नियम-कायदे टूट गए। यहां न तो अधिकांश श्रद्धालु मास्क लगा रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। ऐसे में ये स्थितियां हालात बिगाड़ सकती हैं। पूर्व में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कोरोना संक्रमित निकल चुके हैं।
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