पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, आज भाजपा में होंगे शामिल
Go Back |
Yugvarta
, Jan 25, 2022 02:49 PM 0 Comments
0 times
0
times
NEW DELHI : पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह ने आज कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में इस बात की जानकारी दी है। अपने पत्र में आरपीएन सिंह ने लिखा कि मैं तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मैं देश की लोगों की सेवा और पार्टी की सेवा करने का मौका देने के लिए आपका धन्यवाद करता हूं। इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से कांग्रेस का भी नाम हटा दिया है और लिखा कि आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का
माना जा रहा है कि भाजपा आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पडरौना से चुनावी मैदान में उतार सकती है। पडरौना आरपीएन सिंह का परंपरागत क्षेत्र रहा है। 2009 में वह पडरौना लोकसभा क्षेत्र से ही चुनाव जीतकर सांसद बने थे।
उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूँ। जय हिंद
आपको बता दें कि कई दिनों से आरपीएन सिंह कोई यह लग रहा था कि पार्टी उन्हें साइड कर रही है। यही कारण है कि उन्होंने भाजपा का दामन थाने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि आरपीएन सिंह दोपहर 2.30 बजे भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल हो जाएंगे। आरपीएन सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। उनके पिता कुंवर सीपीएन सिंह भी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं और इंदिरा गांधी की सरकार में रक्षा राज्य मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी और मनमोहन सिंह की सरकार में आरपीएन सिंह ने कई बड़ी जिम्मेदारियों को निभाया है। आरपीएन सिंह 1996 से लेकर 2009 तक पडरौना से विधायक रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने 1997 से 99 तक उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस का नेतृत्व किया है।
माना जा रहा है कि भाजपा आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पडरौना से चुनावी मैदान में उतार सकती है। पडरौना आरपीएन सिंह का परंपरागत क्षेत्र रहा है। 2009 में वह पडरौना लोकसभा क्षेत्र से ही चुनाव जीतकर सांसद बने थे। इसके बाद मनमोहन सिंह की सरकार में उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। आरपीएन सिंह कांग्रेस के लिए झारखंड के प्रभारी भी रह चुके हैं। आरपीएन सिंह के समर्थकों का दावा है कि कांग्रेस की ओर से उन्हें लगातार दरकिनार किया जा रहा था और कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जा रही थी।