» देश
पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के समाधान के लिये भारत, चीन कर रहे हैं 14वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता
Go Back | Yugvarta , Jan 12, 2022 03:16 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image NEW DELHI :  पूर्वी लद्दाख में टकराव के शेष इलाकों में पिछले 20 महीने से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान के लिये भारत और चीन बुधवार को कोर कमांडर स्तर की वार्ता कर रहे हैं। यह वार्ता करीब तीन महीने के अंतराल पर हो रही है। सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि 14वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर चुशुल-मोल्दो बैठक स्थल पर हो रही है। उन्होंने बताया कि ‘वरिष्ठ उच्च सैन्य कमांडर स्तरीय’ वार्ता सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होने का कार्यक्रम निर्धारित है।

समझा

पूर्वी लद्दाख में टकराव के शेष इलाकों में पिछले 20 महीने से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान के लिये भारत और चीन बुधवार को कोर कमांडर स्तर की वार्ता कर रहे हैं। यह वार्ता करीब तीन महीने के अंतराल पर हो रही है। सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी।

जाता है कि कि बातचीत मुख्य रूप से ‘हॉट स्प्रिंग्स’ इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने पर केंद्रित होगी। ऐसी उम्मीद है कि भारतीय पक्ष ‘देपसांग बल्ज’ और डेमचोक में मुद्दों को हल करने समेत बाकी के टकराव वाले सभी स्थानों पर जल्द से जल्द सेना को हटाने पर जोर देगा। वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता कर रहे हैं जिन्हें लेह स्थित 14वें कोर का नया कमांडर नियुक्त किया गया है। चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण जिंजियांग सैन्य जिले के चीफ मेजर जनरल यांग लिन को करना था। तेरहवें दौर की वार्ता 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी। यह वार्ता गतिरोध के साथ समाप्त हुई थी। दोनों पक्ष इस वार्ता में कोई प्रगति हासिल करने में विफल रहे। भारतीय सेना ने वार्ता के बाद कहा था कि उनकी ओर से दिये गए रचनात्मक सुझाव पर चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ और न ही वह कोई आगे की दिशा में बढने वाला कोई प्रस्ताव पेश कर सका।

नये दौर की यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाकों में चीन की ओर से पुल बनाने पर भारत ने निशाना साधा था और कहा था कि यह इलाका पिछले 60 वर्षो से चीन के अवैध कब्जे में है। पिछले सप्ताह चीन ने अरूणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों का अपनी ओर से नामकरण किया था और भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था।

भारत और चीन 18 नवंबर को वर्चुअल कूटनीतिक वार्ता में 14वें दौर की सैन्य वार्ता करने पर राजी हुए थे ताकि पूर्वी लद्दाख में बाकी के टकराव वाले स्थानों पर पूरी तरह से सेना को हटाने केा लक्ष्य हासिल किया जा सके। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील इलाके में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख की सीमा पर गतिरोध पैदा हो गया था। इसके बाद से दोनों ओर से इस क्षेत्र में भारी संख्या में सैनिकों एवं हथियारों की तैनाती की गई। सैन्य एवं राजनयिक स्तर पर कई दौर की वार्ता के बाद दोनों पक्ष पिछले पर्ष पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों एवं गोगरा क्षेत्र से पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा किया था।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
प्रधानमंत्री ने दिया हैं विकास, सुरक्षा और
UP के 08 लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों
चारधाम यात्रा के लिए जारी हुई SOP,
Lok Sabha Election / EVM को लेकर
Metro In Dino Postponed: अनुराग बसु की
Lok Sabha Election / गुजरात की गांधी
 
 
Most Visited
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(464 Views )
ऋषिकेश रैली में अचानक बोलते हुए रुक
(451 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(446 Views )
MI vs RCB / आरसीबी के खिलाफ
(401 Views )
Lok Sabha Elections / अभी थोड़ी देर
(366 Views )
Lok Sabha Election 2024: BJP
(357 Views )