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इंडियन इकोनॉमी के लिए आई अच्छी खबर, UBS ने जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को बढ़ाकर 9.5 फीसदी किया
Go Back | Yugvarta , Nov 17, 2021 07:47 PM
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स्विस ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज ने उम्मीद से ज्यादा तेज पुनरुद्धार, उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ने और खर्च में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि अनुमान को संशोधित कर सितंबर के 8.9 फीसदी से बढ़ाकर 9.5 फीसदी कर दिया है. ब्रोकरेज कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया, जो वित्त वर्ष 2023-24 में छह फीसदी रह सकती है.

वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक निम्न ब्याज दर की व्यवस्था से होने वाले फायदे खत्म होने के अनुमान के चलते 2023-24 में वृद्धि दर में कमी की बात कही गई. केंद्रीय बैंक अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नीतिगत दरों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है. रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है, जबकि औसत अनुमान 8.5 से 10 फीसदी के बीच है. सरकार का अनुमान करीब 10 फीसदी है. वित्त वर्ष 2021-22 की जून तिमाही में जीडीपी 20.1 फीसदी बढ़ी.

फिच रेटिंग्स ने रेटिंग को बरकरार रखा
इधर फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने भारत की सॉवरेन रेटिंग में कोई बदलाव न करते हुए इसे नकारात्मक परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-‘ पर कायम रखा है. फिच ने एक बयान में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रेटिंग मध्यम अवधि के वृद्धि परिदृश्य और बाह्य लचीलापन के बीच एक संतुलन को दर्शाती है. इसके अलावा कमजोर वित्तीय क्षेत्र और कुछ ढांचागत मुद्दों का भी असर है. फिच ने कहा, हमारा पूर्वानुमान है कि इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट 8.7 फीसदी के मजबूत स्तर पर रहेगी. जबकि वर्ष 2022-23 में यह 10 फीसदी रह सकती है. कोविड महामारी से तेजी से पुनरुद्धार में भारत की अर्थव्यवस्था की जुझारू क्षमता इसे समर्थन देती है.

आउटलुक को नेगेटिव से अपग्रेड कर स्टेबल किया
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को कायम रखते हुए उसके परिदृश्य को ‘नकारात्मक’ से ‘स्थिर’ कर दिया है. मूडीज का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति में अगले साल-डेढ़ साल तक जारी रहेगा. उसके अनुमान में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GPD) में 9.3 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ोतरी होगी. एजेंसी ने इससे अगले वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि के 7.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.

विकास पथ की ओर बढ़ रही है इकोनॉमी
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने बुधवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था उच्च विकास पथ की ओर बढ़ रही है और वित्त वर्ष 2021-22 में इसके लगभग 10 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना है. देबरॉय ने एसबीआई के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम एक उच्च विकास दर, उच्च गरीबी उन्मूलन दर, उच्च रोजगार दर के साथ एक समृद्ध, अधिक विकसित और बेहतर शासित भारत की ओर अग्रसर हैं.’’

वास्तविक विकास दर करीब 10 फीसदी का अनुमान
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस साल (वित्त वर्ष 2022) विकास की वास्तविक दर लगभग 10 फीसदी रहने वाली है.’’ उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत में वास्तविक वृद्धि का अनुमान 8.5-12.5 फीसदी के बीच था.
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