उत्तराखंड सरकार सख्त: सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में होगा राज्यव्यापी फायर सेफ्टी ऑडिट अभियान

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Lucknow, 9 Oct, 2025 08:51 PM
उत्तराखंड सरकार सख्त: सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में होगा राज्यव्यापी फायर सेफ्टी ऑडिट अभियान

देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने राज्यभर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में सुरक्षा और फायर सेफ्टी को लेकर सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देशों पर सचिवालय में महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार ने की।


बैठक में यह निर्देश दिया गया कि राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा, हर महीने ड्रिल प्रैक्टिस आयोजित की जाएगी और समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा। सचिव ने स्पष्ट किया कि अस्पतालों में किसी भी प्रकार की लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अजय आर्य, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज गीता जैन, उपसचिव जसंविदर कौर, सीएमएस दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आर. एस. बिष्ट सहित यूपीआरएल (U.P.R.L.) के प्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।


दून मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी को लेकर सचिव ने दिए सख्त निर्देश


सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने फायर सेफ्टी से जुड़ी कार्यदायी संस्था को निर्देश दिया कि अग्नि संकटी से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस संदर्भ में सचिव ने अग्निशमन विभाग से भी आवश्यक कार्रवाई करने का मौखिक अनुरोध किया।


सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि स्प्रिंकलर, मोटर्स एवं अन्य फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर उनका डेमो कराया जाए, ताकि किसी आपात स्थिति में तत्परता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने निदेशक चिकित्सा शिक्षा को आदेशित किया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक माह फायर मॉक ड्रिल कराई जाए।


राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिए गए कि कार्यदायी संस्था के साथ नियमित रूप से प्रतिमाह बैठक की जाए। कार्यदायी संस्था ने बैठक में जानकारी दी कि ओटी बिल्डिंग की फायर एनओसी 30 अक्टूबर 2025 तक और सीएसएसडी विभाग की एनओसी 30 नवंबर 2025 तक हस्तांतरित कर दी जाएगी।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान


राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना अनिवार्य है। हमारी प्राथमिकता मरीजों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उत्तराखंड के सभी अस्पताल सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालित हों। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान


मुख्यमंत्री के निर्देशन में राज्यभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में सुरक्षा जांच और फायर ड्रिल अभियान को तेज किया जाएगा। हमारी टीम नियमित निरीक्षण कर सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करेगी। सभी जिला अधिकारियों और अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर अस्पताल में फायर सिस्टम की मजबूती, इमरजेंसी ड्रिल और सुरक्षा ऑडिट सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारा उद्देश्य है कि उत्तराखंड के अस्पताल पूर्णतः सुरक्षित और आपातकाल के लिए तैयार रहें।


राज्यव्यापी फायर सेफ्टी अभियान की रूपरेखा


  • फायर अलार्म और स्प्रिंकलर सिस्टम की जांच सभी अस्पतालों में की जाएगी।
  • हर महीने कम से कम एक बार ड्रिल प्रैक्टिस आयोजित होगी और स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट और रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी।
  • लापरवाही या मानकों के उल्लंघन पर कड़ी प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



यह अभियान राज्य सरकार की ओर से मरीजों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।


अस्पतालों के लिए सख्त संदेश


उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट किया है कि अस्पतालों में सुरक्षा और आपातकालीन तैयारी को लेकर किसी भी स्तर की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अस्पताल प्रबंधन को समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और सभी सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा।


इस पहल के माध्यम से राज्य सरकार ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि मरीजों की जान और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा सर्वोपरि है। राज्यभर में चलाया जा रहा फायर सेफ्टी ऑडिट अभियान अस्पतालों की सुरक्षा को मजबूत करने और आपातकालीन तैयारियों को सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।


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