डा. रत्नेश लाल बने आईडीएसए के नए चेयरमैन, अपराजिता सरकार उपाध्यक्ष और रजत बनर्जी सचिव निर्वाचित

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Lucknow, 17 Sep, 2025 05:42 PM
डा. रत्नेश लाल बने आईडीएसए के नए चेयरमैन, अपराजिता सरकार उपाध्यक्ष और रजत बनर्जी सचिव निर्वाचित

नई दिल्ली, 17 सितम्बर 2025।डायरेक्ट सैलिंग उद्योग की शीर्ष संस्था इंडियन डायरेक्ट सैलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) को नया नेतृत्व मिल गया है। हर्बालाईफ के कॉर्पोरेट मामलों के वरिष्ठ निदेशक डा. रत्नेश लाल को सर्वसम्मति से आईडीएसए का नया चेयरमैन चुना गया है। वे निवर्तमान चेयरमैन और ओरिफ्लेम के एशिया संभाग के कॉर्पोरेट मामलों एवं पब्लिक पॉलिसी निदेशक विवेक कटोच का स्थान लेंगे।

आज दिल्ली में आयोजित आईडीएसए की 29वीं वार्षिक आम बैठक में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। चुनाव में मोदीकेयर की ग्रोथ ऑफिस प्रमुख अपराजिता सरकार को वाइस चेयरमैन और एमवे इंडिया के कॉर्पोरेट मामलों के वाइस प्रेसिडेंट रजत बनर्जी को सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। नई कार्यकारिणी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा।

“उपभोक्ता संरक्षण और रोजगार सृजन प्राथमिकता” – डॉ. रत्नेश लाल

चेयरमैन बनने के बाद डॉ. रत्नेश लाल ने कहा, “आईडीएसए उपभोक्ता संरक्षण के अपने मूल उद्देश्य के साथ देश के आर्थिक विकास में योगदान को और मजबूत करेगी। हमारा ध्यान शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमिता के समान अवसर पैदा करने पर है। उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम, 2021 लागू होने और राज्य स्तरीय निगरानी तंत्र बनने के बाद अब अगला लक्ष्य इसमें स्पष्टता और एकरूपता के लिए राष्ट्रव्यापी सामंजस्य स्थापित करना है।”

निवर्तमान चेयरमैन विवेक कटोच बोले – “उद्योग ने विश्वसनीयता हासिल की”

निवर्तमान चेयरमैन विवेक कटोच ने कहा कि उनके कार्यकाल में डायरेक्ट सैलिंग उद्योग ने एक विश्वसनीय रिटेल चैनल के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है। उपभोक्ताओं के साथ बेहतर जुड़ाव, विश्वास और डिजिटल इनोवेशन को अपनाने की दिशा में अहम उपलब्धियां दर्ज हुईं। उन्होंने विश्वास जताया कि यह उद्योग भविष्य में भी लोगों को सशक्त बनाने और देश की विकास गाथा में योगदान देता रहेगा।

भारत का डायरेक्ट सैलिंग उद्योग बना वैश्विक ताकत

अमेरिका स्थित वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (WFDSA) की रैंकिंग के अनुसार भारत का डायरेक्ट सैलिंग उद्योग अब विश्व स्तर पर 11वें स्थान पर है। करीब 22,000 करोड़ रुपये से अधिक के बाजार आकार के साथ यह सेक्टर देशभर में 90 लाख से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान कर रहा है।


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