विकसित यूपी @2047 : अब तक मिले 35.5 लाख सुझाव, कृषि, शिक्षा और ग्रामीण विकास बने शीर्ष विषय

YUGVARTA NEWS
Lucknow, 10 Oct, 2025 11:07 PMलखनऊ, 10 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक 'विकसित राज्य' के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य के साथ चल रहा 'समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 : समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान' नई गति प्राप्त कर रहा है। प्रदेश के 75 जिलों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों ने लगातार संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, किसानों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संघटनों, मीडिया और आम नागरिकों से मुलाकात कर विकास यात्रा पर चर्चा और भविष्य के रोडमैप हेतु सुझाव एकत्र कर रहे हैं। अभियान के तहत अब तक 35 लाख से अधिक फीडबैक और सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा योगदान ग्रामीण क्षेत्रों से मिला है। करीब 28 लाख सुझाव ग्रामीण जनता से, जबकि 7.5 लाख सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए हैं। युवाओं की भागीदारी सबसे अधिक रही, जिनकी संख्या कुल फीडबैक का लगभग आधा हिस्सा है।
कृषि, शिक्षा और ग्रामीण विकास पर सबसे ज्यादा फीडबैक-
प्राप्त सुझावों में कृषि, शिक्षा, समाज कल्याण और ग्रामीण विकास से जुड़े विषय शीर्ष पर रहे। कृषि क्षेत्र में लगभग 8 लाख, शिक्षा क्षेत्र में 9 लाख और ग्रामीण विकास में 7 लाख के करीब सुझाव मिले। इसके अलावा स्वास्थ्य, पशुधन, आईटी, पर्यटन, उद्योग और सुरक्षा जैसे विषयों पर भी व्यापक फीडबैक प्राप्त हुआ है।
संभल, जौनपुर और बिजनौर रहे सबसे आगे-
जनपदवार फीडबैक की बात करें तो संभल, जौनपुर, बिजनौर, गोरखपुर और सोनभद्र शीर्ष पांच जिलों में शामिल हैं। वहीं फिरोजाबाद, महोबा, इटावा, बुलंदशहर और फतेहपुर जैसे जिलों से अपेक्षाकृत कम सुझाव प्राप्त हुए हैं।
प्रदेश के कोने-कोने से आ रहे जनसुझाव-
आजमगढ़ के सरकारी सेवक रामदरश यादव ने सुझाव दिया कि जनपद को एग्रो प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित किया जाए। मिलेट्स, दाल और तिलहन के प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित हों, और मुबारकपुर की सिल्क साड़ियों के एक्सपोर्ट को प्रोत्साहन मिले। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में निवेश को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाए।
फिरोजाबाद की रोना सागर ने पर्यटन के क्षेत्र में एडवेंचर और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने सुझाव दिया कि 'अतुल्य भारत' अभियान की तरह उत्तर प्रदेश में भी वैश्विक स्तर पर पर्यटन ब्रांडिंग की जाए और स्थानीय समुदायों को पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जाए।
ललितपुर के राजा प्रताप ने किसानों को आधुनिक तकनीक, ड्रिप सिंचाई और फसल विविधीकरण अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कृषि में अनुसंधान, बीमा योजनाएँ और जैविक खेती के विस्तार पर भी जोर दिया।
ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों में संवाद कार्यक्रम जारी-
प्रदेशभर में इस महाभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों, जिला पंचायतों और ग्राम पंचायतों में हजारों बैठकों और गोष्ठियों का आयोजन किया गया है। अब तक लगभग 150 नगर पालिकाओं, 120 से अधिक नगर पंचायतों और 40 से अधिक जिला पंचायतों में संवाद सत्र सम्पन्न हो चुके हैं। इसके अलावा 27 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भी आम जनता से सीधे संवाद स्थापित किया गया है।
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