उत्तराखंड : मुख्यमंत्री ने किया आईएएसएसआई के 24वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ, उत्तराखंड को सस्टेनेबल डेवलपमेंट का मॉडल स्टेट बनाने का संकल्प

YUGVARTA NEWS
Lucknow, 10 Oct, 2025 10:12 PMदेहरादून, 10 अक्टूबर 2025 : मुख्यमंत्री ने किया इंडियन एसोसिएशन ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूशंस के 24वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय, देहरादून में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूशंस (IASSI) के 24वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में सामाजिक कल्याण, अर्थशास्त्र, रोजगार, उद्योग, कृषि, तकनीकी, पर्यावरण और नगरीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर देश-विदेश के प्रख्यात विद्वानों द्वारा सार्थक विचार-विमर्श किया जाएगा। इस चिंतन-मंथन से सामाजिक नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन एवं राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जन-जन के कल्याण के लिए ठोस एवं व्यवहारिक उपायों का संकलन हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूलमंत्र के साथ निरंतर कार्य कर रहा है। उनके प्रधान सेवक बनने के बाद पिछले 11 वर्षों में अनेक नीतियों एवं योजनाओं के माध्यम से प्रत्येक वर्ग के कल्याण की दिशा में संकल्पपूर्वक प्रयास किए गए हैं। जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत योजना जैसी योजनाओं से देश के करोड़ों नागरिक लाभान्वित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर मिशन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे अभियान और प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान जैसी योजनाएं पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रही हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से राज्य सरकार भी सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूत करने और सतत विकास की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने के साथ पति-पत्नी दोनों को पेंशन देने तथा सभी पेंशन योजनाओं में त्रैमासिक के स्थान पर मासिक भुगतान की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2030 तक सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखते हुए सतत विकास के साथ एक सुरक्षित व न्यायपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। सरकार ने इकोनॉमी और इकोलॉजी के संतुलन हेतु त्रि-स्तंभीय और नौ-सूत्रीय नीति की शुरुआत की है, जो सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा, पेयजल एवं स्वच्छता, स्वच्छ ऊर्जा, शहरी विकास, वित्तीय समावेशन और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। सरकार मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, सौर ऊर्जा क्रांति अभियान, स्मार्ट सिटी मिशन और मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना के माध्यम से इन क्षेत्रों को सशक्त बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखंड देश में प्रथम स्थान पर आया है। राज्य में जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, सतत कृषि और जल संसाधन प्रबंधन जैसी कई चुनौतियां हैं। इनसे निपटने के लिए राज्य सरकार ने टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन के साथ तीन महत्वपूर्ण समझौते किए हैं।
उन्होंने बताया कि टाटा ट्रस्ट के सहयोग से राज्य में जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है, जबकि नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, पायथन, जनरेटिव एआई, कौशल विकास और स्वरोजगार के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन नवाचारों के माध्यम से उत्तराखंड को सस्टेनेबल डेवलपमेंट का मॉडल स्टेट बनाया जा सकेगा।
इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, आईएएसएसआई के अध्यक्ष एवं नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सचिन चतुर्वेदी, प्रो. आर.पी. ममगांई, प्रो. आई.सी. अवस्थी, प्रो. अलख शर्मा एवं विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे।
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