खेलों से जुड़ें युवा, जीवन में अनुशासन और टीमवर्क लाएं — मुख्यमंत्री धामी

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Lucknow, 5 Oct, 2025 11:49 PM
खेलों से जुड़ें युवा, जीवन में अनुशासन और टीमवर्क लाएं — मुख्यमंत्री धामी

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड द्वारा राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम रायपुर, देहरादून में आयोजित उत्तराखंड प्रीमियर लीग 2025 के समापन समारोह में प्रतिभाग किया। हरिद्वार एलमास उत्तराखंड प्रीमियर लीग 2025 चैंपियनशिप का विजेता रहा।


सभी खिलाड़ियों एवं आयोजन समिति के पदाधिकारियों का स्वागत व अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन द्वारा उत्तराखंड प्रीमियर लीग चैंपियनशिप को जीतने वाली टीम के सभी खिलाड़ियों को बधाई दी।


मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जो टीमें और खिलाड़ी इस बार जीत से कुछ कदम दूर रह गए हैं, उनसे मेरा आग्रह है कि खेल में हार-जीत स्वाभाविक है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है खेल भावना, परिश्रम और निरंतर आगे बढ़ने का जज्बा।


उन्होंने कहा कि खेल न केवल युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि खेल के माध्यम से युवाओं में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्षशीलता जैसे गुणों का भी विकास होता है। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ’’खेलो इंडिया’’ और ’’फिट इंडिया मूवमेंट’’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने की मजबूत नींव रखी। आज भारत वैश्विक मंच पर खेलों में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता है कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड द्वारा पुरुषों के साथ-साथ महिला खिलाड़ियों के क्रिकेट को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। महिला खिलाड़ियों की चार टीमों ने इस टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किया। बीसीसीआई के तत्वावधान में अंडर-19 वर्ग में राज्य की बालिकाओं ने दो बार चैम्पियन ट्रॉफी जीती है। राघवी बिष्ट, प्रेमा रावत और नंदनी कश्यप ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और न्यूजीलैंड सीरीज के लिए भारतीय टीम में चयनित हुई हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के युवा आज खेल प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं, जिससे राज्य की पहचान पूरे देश में बन रही है। लेकिन यह भी सोचने का विषय है कि उत्तराखंड का टैलेंट बाहर क्यों जा रहा है? हमारे पहाड़ी मूल के खिलाड़ी आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, पर अपने राज्य से नहीं बल्कि दूसरे राज्यों की टीमों से खेल रहे हैं।


उन्होंने क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहा कि उत्तराखंड की टीम देश की सबसे मजबूत टीम बने, इसके लिए ठोस व्यवस्था की जाए। इसी वर्ष आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन ने उत्तराखंड को “देवभूमि” के साथ “खेलभूमि” के रूप में भी स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस आयोजन में राज्य के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर इतिहास रचा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड अब विश्वस्तरीय ’’स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर’’ के मामले में देश के प्रमुख राज्यों में गिना जाने लगा है और अब यहां राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होने लगा है।


राज्य में शीघ्र ’’स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान’’ लागू किया जाएगा, जिसके अंतर्गत आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना होगी। इन अकादमियों में हर वर्ष 920 विश्वस्तरीय एथलीट और 1000 अन्य खिलाड़ी उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।


उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में राज्य का पहला खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश में खेलों के समग्र विकास हेतु नई ’’खेल नीति’’ लागू की गई है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को ’’आउट ऑफ टर्न’’ सरकारी नौकरी दी जा रही है।


सरकार मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना तथा खेल किट योजना के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि ’‘उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार’’ और ’’हिमालय खेल रत्न पुरस्कार’’ से खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है। साथ ही, राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटा पुनः लागू किया गया है, जिससे उनके परिश्रम को उचित अवसर और सम्मान मिल सके।


अंत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सफलता का एक ही मंत्र है — “विकल्प रहित संकल्प”। लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पाने के लिए जी-जान से जुट जाएं, जिस भी क्षेत्र में जाएं, वहां लीडर बनें।


इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक उमेश शर्मा, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी, खेल विभाग के अधिकारी व बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।


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