अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर सीएम धामी बोले—समानता, न्याय और समावेशी विकास सरकार की प्राथमिकता
YUGVARTA NEWS
Lucknow, 18 Dec, 2025 08:11 PMदेहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, नींबूवाला, देहरादून में विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया तथा विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया।
बड़ी संख्या में उपस्थित मुस्लिम महिलाओं ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। महिलाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी एक भाई के रूप में प्रदेश और अल्पसंख्यक समुदाय के हित में कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिवस भारत की एकता और अखंडता के संरक्षण के लिए हमारे मौलिक कर्तव्यों को स्मरण करने का अवसर है। भारतीय संस्कृति में सदियों से समानता तथा सभी धर्मों और समुदायों के प्रति सम्मान की परंपरा रही है। विविध भाषाओं, संस्कृतियों, परंपराओं और खान-पान के बावजूद भारत में सदैव एकता की भावना बनी रही है। वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत को आत्मसात करते हुए भारत ने पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में माना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र के साथ सभी समुदायों को आगे बढ़ाया जा रहा है। जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुफ्त राशन योजना जैसी योजनाओं से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण, लंगर से सभी प्रकार के करों को हटाना, जियो पारसी योजना, बौद्ध सर्किट का विकास, जैन अध्ययन केंद्र की स्थापना, हज यात्रा को डिजिटल और पारदर्शी बनाना तथा तीन तलाक जैसी कुप्रथा का अंत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के माध्यम से अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, आईटीआई, स्वास्थ्य केंद्र और कौशल विकास संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। नए वक्फ कानूनों में सुधार कर वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी और उत्तरदायी प्रबंधन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं, ताकि इनका वास्तविक लाभ गरीब, जरूरतमंद और पिछड़े वर्गों तक पहुंच सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं के अंतर्गत वार्षिक छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जनता से किए वादे के अनुसार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की गई है, जिससे सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में देश को नई दिशा मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक क्षेत्रों में आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास को गति देने के लिए अल्पसंख्यक विकास निधि की स्थापना की गई है, जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष 4 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री हुनर योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना के तहत 25 प्रतिशत सब्सिडी के साथ 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मौलाना आज़ाद एजुकेशन ऋण योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त शिक्षा ऋण दिया जा रहा है, जिसके तहत पिछले चार वर्षों में 169 लाभार्थियों को 4 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया गया है। यह कानून सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी और मुस्लिम सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों को शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर और संवैधानिक अधिकार प्रदान करता है। इसके अंतर्गत सभी मदरसों सहित अल्पसंख्यक विद्यालयों में धार्मिक शिक्षा के साथ उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम भी पढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धर्मों की स्वायत्तता की रक्षा के लिए राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून भी लागू किया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के दबाव, प्रलोभन या छल से होने वाले धर्मांतरण को रोका जा सके और सामाजिक सौहार्द बना रहे। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों में अल्पसंख्यक समुदायों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी अल्पसंख्यकों से अपील की कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे देशों में हो रहे अत्याचार और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाएं।
इस अवसर पर उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग की उपाध्यक्ष फरजाना बेगम, पद्मश्री डॉ. आर.के. जैन, हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


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