पूर्वजों के संकल्पों, वर्तमान के सपनों व भावी पीढ़ी की आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाला हो भारतः योगी

मुख्यमंत्री ने सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत भाजपा महानगर द्वारा आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन को किया संबोधित, सीएम ने सभी से की अपील- आप भी सुझाव दें, अच्छे सुझाव को विजन डॉक्यूमेंट में स्थान देंगे

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Lucknow, 21 Sep, 2025 08:34 PM
पूर्वजों के संकल्पों, वर्तमान के सपनों व भावी पीढ़ी की आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाला हो भारतः योगी

गोरखपुर, 21 सितंबरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रबुद्ध वर्ग समाज को नेतृत्व देने वाला तबका है, जो अपनी प्रतिभा के बल पर समाज को नेतृत्व देने का सामर्थ्य रखते हैं। बुद्धिजीवी तबका समाज को नेतृत्व देने के लिए उठ खड़ा होता है तो दुनिया की कोई भी ताकत उस देश व समाज को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। सीएम ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पीएम मोदी ने देशवासियों का आह्वान किया कि शताब्दी महोत्सव (2047) में कैसा भारत चाहते हैं। यह भारत पूर्वजों के संकल्पों, वर्तमान के सपनों व भावी पीढ़ी की आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाला और आत्मनिर्भर व विकसित हो। सीएम ने कहा कि स्वार्थी व विभाजनकारी राजनीति से उठकर विकास के एजेंडे को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। नौजवान, बुजुर्ग, नौकरीपेशा, श्रमिक, किसान, व्यापारी, महिला हो या पुरुष, सभी के बीच यह चर्चा-परिचर्चा का विषय बनना चाहिए। 


मुख्यमंत्री ने सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत रविवार को भाजपा महानगर द्वारा आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया। सीएम ने कहा कि समारोह में मौजूद बुद्धिजीवियों से अपील की कि अलग-अलग संस्थानों को इसका केंद्र बिंदु बनाएं। विजन डॉक्यूटमेंट में लोगों से चर्चा-परिचर्चा करें और उनके सुझावों को आमंत्रित करें। अच्छे सुझाव को विजन डॉक्यूमेंट में स्थान देंगे। जनपद स्तर पर आए तीन और प्रदेश के पांच बड़े सुझाव को सम्मानित करेंगे। 


जब एक-एक गांव और कस्बा विकसित होगा तो प्रदेश और देश विकसित होग-

सीएम योगी ने कहा कि भारत तब विकसित बनेगा, जब उत्तर प्रदेश विकसित होगा। यूपी तब विकसित होगा, जब गोरखपुर, एक-एक गांव और कस्बा विकसित होगा। स्वयं को उसके अनुरूप बनाना होगा। सीएम ने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु से जुड़े वृतांत को सुनाया। कहा कि उन्होंने दो पेड़ लगाए, समान परिस्थितियां व खाद-पानी दिया, लेकिन दोनों के प्रति उनके व्यवहार में अंतर था। एक पेड़ को पुचकारते थे कि वह आगे बढ़ेगा। वंश में वृद्धि होगी। दूसरे को दुत्कारते थे कि तेरा नाम मिट जाएगा। दोनों पौधे एक समान परिस्थिति में पले-बढ़े, समान सुविधाएं मिलीं, लेकिन व्यवहार का अंतर रहा। जिसे वे पुचकारते थे, वह बड़ा होकर फलने-फूलने लगा, जिसे दुत्कारते थे वह नष्ट हो गया। सीएम ने कहा कि भारत की गुलामी का एक कारण यह भी रहा है कि हमने अपने बंधु-बांधवों के साथ भेदभाव किया। जातीय वैमनस्यता के आधार पर सामाजिक एकता को छिन्न-भिन्न किया। उसका दुष्परिणाम सैकड़ों वर्ष तक देश को हम सबको भुगतना पड़ा। 


अपनापन भूल जाती है गुलामी की मानसिकता-

सीएम ने कहा कि भेदभाव समाज ने किया, लेकिन गुलामी की मानसिकता पूरे देश को झेलनी पड़ी। गुलामी की मानसिकता अपनापन, वैभव व गौरव भूल जाती है और विरासत को विस्मृत कर देती है। भारत के साथ भी यही हुआ है। यहां के लोगों ने मान लिया कि जो भारत का है,  वह पिछड़ेपन का प्रतीक है। हम लोगों ने संस्कृत की जगह इंग्लिश मान लिया। भारत के राष्ट्रीय महापुरुषों की जगह विदेशी हीरो,  सर्वश्रेष्ठ ग्रंथों की जगह विदेशी ग्रंथ,  भारत के लेखकों के मौलिक कृति की जगह किसी विदेशी लेखक की कृति, विरासत में प्राप्त महत्वपूर्ण तथ्य की जगह विदेशी अच्छा है, यह भाव हर भारतीय के मन में भर दिया गया। यह देश गुलामी की मानसिकता में जीता रहा। 


भारत ने हर कालखंड में किया प्रतिकार, लेकिन ताकत बंटी हुई थी-

सीएम योगी ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि देश पर हमले होते थे और भारत चुप रहता था, लेकिन एकता का अभाव था। हर कालखंड में भारत ने प्रतिकार किया, लेकिन ताकत बंटी हुई थी। सुहेलदेव को इतिहास ने गायब कर दिया। उन्होंने एक हजार वर्ष पहले विदेशी आक्रांता सालार समूद को नाको चने चबवाया। सालार मसूद को लोहे के कराहे पर खड़ा करके जिंदा जला दिया था और उसके दोनों सैनिक से कहा था कि अपने देश में बता देना कि गाजी को क्या सजा मिली है। इससे 150 वर्ष तक कोई भारत पर हमला करने का दुस्साहस नहीं कर पाया। 


स्वदेशी ने सबसे पहले किया एकजुटता का प्रदर्शन-

सीएम योगी ने कहाकि पृथ्वीराज चौहान, राणा सांगा, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, सिख गुरु आदि ने शौर्य व पराक्रम दिखाया। आजादी के लिए भारत लड़ सके, इसके लिए सबसे पहले स्वदेशी ने एकजुटता का प्रदर्शन किया था। पहले आर्यसमाज, फिर स्वाधीनता आंदोलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आगमन के बाद स्वदेशी ने नई हुंकार भरी थी। कुछ ही दशकों में भारत स्वतंत्र हो गया, लेकिन स्वतंत्र भारत का भाव क्या होना चाहिए, दुर्भाग्य से यह तय नहीं हो पाया। जिन महापुरुषों को यह तय करना था, वे आजादी के कुछ समय बाद चल बसे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजादी के कुछ समय पहले ही परिदृश्य से गायब कर दिया गया। सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत सभी महापुरुषों का निधन हो गया। 


वैभव, बल-बुद्धि में अग्रणी गिना जाता था भारत-

सीएम ने कहा कि दुर्भाग्य से भारत की नींव को सुदृढ़ करने का दायित्व जिन हाथों में था, उन्होंने उसी गुलामी की मानसिकता का लेपन लगाकर भारत को बढ़ाना प्रारंभ किया। जो भारत कभी वैभवशाली, बल-बुद्धि में अग्रणी गिना जाता था। गुलामी कालखंड में उसकी स्किल, विरासत, मानबिंदुओं को नष्ट करने का दुष्परिणाम सभी ने झेला है। वह संघर्ष आज भी जारी है। उन सभी को एक-एक करके समाप्त करने की रणनीति के पीछे यही भाव था कि भारतीय अपनी परंपरा पर गौरव की अनुभूति न कर सके। हमने भारत को भारत के अनुरूप बढ़ाने का प्रयास ही नहीं किया। 


अटल जी बने प्रधानमंत्री तो किए अनेक प्रयास-

सीएम योगी ने कहा कि 1998 में अटल जी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने प्रयास किया। ग्रामीण मार्गों के सुदृढ़ीकरण समेत अन्य वेलफेयर स्कीम लागू किए गए। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, स्वर्णिम चतुर्भुज हाइवे योजना, अंत्योदय-  अन्नपूर्णा समेत अनेक स्कीम को उन्होंने जारी किया, लेकिन सरकार राजनीतिक अस्थिरता का शिकार हो गई। कार्यक्रम अधूरे रह गए। फिर हताशा-निराशा का लंबा दौर चला, लेकिन 2014 नए भारत के लिए निर्णायक साबित हुआ, जब देश ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना नेतृत्व सौंपा। 


सीएम ने 2014 के पहले और बाद के भारत का बताया अंतर-

सीएम योगी ने 2014 के पहले और बाद के भारत का जिक्र किया। 1947-50 से 2014 तक भारत 11वीं अर्थव्यवस्था बन पाया। 2014 से अब तक चौथी अर्थव्यवस्था बन गया। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा यानी तीन इकॉनमिक पावर अमेरिका, चीन व भारत ही होगा। 2014 के बाद से प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई। हाईवे, मेट्रो, रेलवे, एम्स, आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी,  केंद्रीय विश्वविद्यालय गठित हुए। शिक्षा व स्वास्थ्य के विश्वस्तरीय केंद्र विकसित हुए। भारत ने नए युग में प्रवेश करते हुए हर क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास भी किया। 


सीएम ने इंसेफेलाइटिस के दर्द को किया बयां-

सीएम ने कहा कि भारत पिछले साढ़े पांच वर्ष से 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रहा है। 1977 से 2017 तक इंसेफेलाइटिस के कहर से तड़पते और मरते बच्चों का जिक्र किया। बोले कि 1905 में जापान ने इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन बनाई, लेकिन भारत आने में उसे 100 वर्ष लगे। 2017 में यूपी में जब भाजपा सरकार बनी तो यह बीमारी आज समाप्त हो गई। आज हर परिवार में पर्व का उमंग और नई सुबह का इंतजार करता है। 2014 तक देश में केवल 74 एयरपोर्ट बन पाए थे, आज इनकी संख्या 160 हो गई। एम्स पहले 7 थे, आज 23 हो गई। 450 केंद्रीय विश्वविद्यालय व इंस्टीट्यूट बने हैं। देश में 230 किमी. से बढ़कर 1050 से अधिक किमी. की मेट्रो लाइन बिछ चुकी है। सीएम ने 11 वर्ष में वेलफेयर स्कीम का भी जिक्र किया। 


सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत ने खुद को स्थापित किया-

भारत के सामाजिक सुरक्षा का कवरेज आजादी के बाद से 2014 तक इसका दायरा महज 19 फीसदी तक ही बढ़ा था। 2014 से अब तक 65 फीसदी से अधिक दायरा बढ़ा। दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत ने खुद को स्थापित किया है। डिजिटल टेक्नोलॉजी में भारत लीडरशिप लेकर बढ़ रहा है। हर क्षेत्र में भारत की यात्रा शानदार है। युवाओं के लिए अनेक योजनाएं बनीं। अच्छे विश्व स्तरीय शिक्षा संस्थान स्थापित हुए, खेलो इंडिया खेलो, फिट इंडिया मूवमेंट, मिशन रोजगार, स्टार्टअप, स्टैंडअप स्कीम के माध्यम से युवाओं के लिए अनेक योजनाएं दी गईं, जिसकी कल्पना 2014 के पहले करना भी सपना था। महिलाओं के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना, कन्या सुमंगला योजना, तीन करोड़ ड्रोन दीदी देश के अलग-अलग गांवों में नेतृत्व दे रही हैं। महिला स्वयंसेवी समूह के माध्यम से 10 करो़ड़ महिलाओं के द्वारा स्वावलंबन के अलग प्रतिमान स्थापित किए गए।  


हर तबके के लिए हुए बड़े कार्यक्रम-

सीएम ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम- पंचायत व स्थानीय निकाय के बाद संसद व विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण की सुविधा का लाभ मिले, यह भी कार्यक्रम प्रभावी ढंग से लागू हो रहा। किसानों के लिए स्वायल हेल्थ कार्ड, पीएम फसल बीमा, पीएम कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान के खेत में पानी पहुंचाया जा सके, इसके लिए अनेक योजनाएं भी लागू हुईं। किसान को लागत का डेढ़ गुना दाम प्राप्त हो सके। उनकी फसल को क्रय करने के लिए क्रय केंद्रों की व्यवस्था हुई। मंडियों का सुदृढ़ीकरण, श्रमिकों के लिए अनेक स्कीम लागू की गई। सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया गया, सुरक्षा की गारंटी मिले, समाज के अंदर हर तबके के लिए बड़े कार्यक्रम भी हुए। 


वन नेशन, वन मार्केट, वन टैक्स की अवधारणा पर आधारित है जीएसटी-

सीएम ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से जीएसटी के बड़े रिफॉर्म की चर्चा की और मात्र 18 दिन के अंदर जीएसटी काउंसिल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में इसे सामने लाया। जीएसटी वन नेशन, वन मार्केट, वन टैक्स की अवधारणा पर आधारित है। विकास के लिए देश को हर फील्ड में रिफॉर्म करना होगा। अधिक से अधिक लोगों को दायरे में आने के लिए स्वतंत्रता देनी पड़ेगी। बिना बाधा के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, फेयरलेस बिजनेस व ईज ऑफ लिविंग के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। 


पीएम ने देशवासियों को दिया दीवाली का उपहार-

सीएम योगी ने कहा कि जीएसटी लागू होते समय आशंका थी कि इकॉनमी डूब जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारत का अप्रत्यक्ष कर पहले 5 लाख44 हजार करोड़ का था, एक वर्ष में वह जीएसटी के कारण 22 लाख 70 हजार करोड़ का हो गया। सीएम ने इसके सभी स्लैब के बारे में बताया। फिर कहा कि नए रिफॉर्म में अब केवल 5 व 18 फीसदी का स्लैब रह जाएगा। सीएम ने घटे स्लैब व बीमा आदि टैक्स फ्री सामग्रियों को भी गिनाया। बोले कि मार्केट हेल्दी होगी तो खरीदारी खूब होगी। लोग टैक्स भी देंगे और कम पैसे में अच्छी खरीदारी भी करेंगे। पीएम ने देशवासियों को दीवाली का उपहार दिया। हेल्दी इकॉनमी, मार्केट व क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए ऐसे रिफॉर्म आवश्यक हैं।  


विकसित भारत 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प बनाना चाहिए-

सीएम ने कहा कि आज भारत किसी ध्रुव के साथ चलता है तो दूसरे की सांस फूलती है। जब योग्य व यशस्वी नेतृत्व मिलता है तो वह कैसे देश उठकर खड़ा होता है, पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने 11 वर्ष में देखा है। यह नेशनल करेक्टर बनना चाहिए। विकसित भारत 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प बनना चाहिए। यूपी में हम लोगों ने भी इस संकल्प को आगे बढ़ाया। इसके अनुरूप अपनी कार्ययोजना बनाकर विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए हम कार्य कर रहे हैं। 


सोए समाज को जगा दिया जाए तो वह उठ खड़ा होता है-

सीएम ने कहा कि यूपी विधानसभा में 27-28 घंटे लगातार चर्चा हुई। उप्र विधायिका में चर्चा के बाद हम आमजन के बीच आए हैं। विधायकों की चर्चा-परिचर्चा के दौरान जो विषय सामने आए, उसका अवलोकन विशेषज्ञों की टीम कर रही थी। भाषण का अवलोकन करते हुए हमने 12 सेक्टर तए किए। सीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत तो आत्मनिर्भर यूपी। यूपी विकसित तो भारत विकसित। नए भारत के नए उप्र के लिए इन सेक्टरों को लेकर समाज के बीच में जाकर सुझाव मांग रहे हैं। सीएम ने कहा कि सोए हुए समाज को थोड़ा जगा दिया जाए तो वह खड़ा होता है। सीएम ने 2017 के पहले-बाद के यूपी और गोरखपुर के बारे में लोगों की बदली धारणा का भी जिक्र किया। यूपी भी विकसित यूपी बनने की यात्रा में निकल पड़ा है। 


आज नंबर एक या टॉप थ्री में रहता है यूपी-

सीएम ने कहा कि पहले लोग मानते थे दिल्ली में कोई स्कीम बनाएंगे तो वह फेल होनी ही है, क्योंकि देश का हर 16वा-17वां आदमी यूपी में बैठा है। वह विपन्न है तो सारी स्कीम फेल हो जाएगी। 2017 के पहले जो यूपी योजनाओं में बॉटम थ्री में रहता था, वह आज सभी योजनाओं में नंबर एक पर है या टॉप थ्री में है। यूपी ने आज लंबी छलांग लगाई है। यूपी की अर्थव्यवस्था में व्यापक परिवर्तन हुआ है। युवाओं को रोजगार, किसानों, महिलाओं की सुरक्षा व स्वावलंबन, श्रमिकों समेत हर सेक्टर में यूपी ने कुछ न कुछ किया है। 


सीएम ने बताई यूपी की सफलता की कहानी-

सीएम योगी ने यूपी की सफलता की कहानी बताई और कहा कि सबसे पहले हमने भ्रष्टाचार पर प्रहार किया। लीकेज रोके। जीएसटी आने के पहले यूपी में 17 प्रकार के टैक्स थे। जीएसटी के बाद यूपी में गत वित्तीय वर्ष हमने एक लाख 15 हजार करोड़ टैक्स वसूले। एक्साइज मात्र 12 हजार करोड़ वसूला जाता था। आज 55 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त कर रहे हैं। पैसा आया तो प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजनेस, विकास, गरीब कल्याण के अनेक कार्य हुए। जिस प्रदेश की पहचान एक जिला, एक माफिया से थी। आज उसकी पहचान एक जिला, एक उत्पाद व एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज से है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यूपी की अर्थव्यवस्था 35-36 लाख करोड़ की होगी। 


अब यूपी के सिर्फ 10 फीसदी लोग हैं बाहर, 90 फीसदी लोगों को यूपी में मिल रहा काम


सीएम ने एक मीडिया ग्रुप द्वारा किए गए सर्वे का जिक्र किया। बोले कि पहले यूपी से सर्वाधिक लोग पलायन करके दूसरे राज्यों में जाते थे। यूपी के श्रमिक वहां के विकास में योगदान देते थे, लेकिन कोरोना में उनकी दुर्गति सभी ने देखी। हाल के सर्वे में आया है कि यूपी का नागरिक अपने जनपद व प्रदेश में काम प्राप्त कर रहा है। यूपी के 10 फीसदी लोग बाहर हैं, शेष 90 फीसदी लोगों को यूपी में ही काम मिलना प्रारंभ हुआ है। एमएसएमई सेक्टर में दो करोड़ लोगों को काम मिला। 60 लाख लोगों को प्रदेश में रोजगार प्राप्त हुआ। सरकारी नौकरी साढ़े 8 लाख लोगों को मिली। सीएम ने 2017 के पहले पुलिस की भर्ती और ट्रेनिंग की दुश्वारियों का जिक्र किया। फिर सुप्रीम कोर्ट की मंशा के अनुरूप भर्ती की प्रक्रिया में सुधार के बारे में भी बताया, फिर बोले कि इस बार यूपी में 60,200 को ट्रेनिंग दे रहे हैं। कुछ बड़े शहरों को छोड़ दिया जाए तो सबसे बड़ी हाईराइज बिल्डिंग पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधाओं की होगी। 


अब हर मंडल में विश्वविद्यालय-

सीएम ने 2017 के पहले प्राइवेट विवि के लिए सरकार की भेदभाव नीतियों पर भी प्रहार किया। बोले कि आज 51 प्राइवेट विवि यूपी में खुली है। हर मंडल में एक विश्वविद्यालय है। शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संसाधन समेत सभी क्षेत्र में परिवर्तन हुआ है। कृषि का दायरा बढ़ा है। यदि राजनीति से प्रेरित नहीं है तो आज हर किसान खुशहाल है। उसे उपज का दाम मिल रहा है। सरकार प्रोक्यूरमेंट सेंटर लगााती है। साढ़े आठ वर्ष में 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा मिली तो 16 लाख निजी नलकूप को फ्री में बिजली कनेक्शन से जोड़ा गया। ट्यूबवेल को सोलर पैनल से जोड़ा है। सरकार ने कदम उठाने में संकोच नहीं किया। 


यूपी में डिफेंस मैन्यूफेक्चरिंग कॉरिडोर का काम सफलतापूर्वक बढ़ रहा-

सीएम ने कहा कि यूपी में डिफेंस मैन्यूफेक्चरिंग कॉरिडोर का काम सफलतापूर्वक बढ़ रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल लखनऊ में बन रही है। यह दुश्मन पर प्रहार करती है। ड्रोन यूपी में बने हैं। स्पेस टेक्नोलॉजी का क्या स्थान हो सकता, इस पर काम हो रहा है। पिछले दिनों मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिका विवि के दीक्षांत समारोह में इसरो के चेयरमैन भी आए थे। यूपी सरकार उनके साथ मिलकर कार्य कर रही है। आकाशीय बिजली से होने वाली मौतों को रोकने के लिए क्या यूपी सरकार सेटेलाइट लांच कर सकती है। स्पेस टेक्नोलॉजी आज वहां तक पहुंच चुकी है, जहां से बैठे-बैठे वह जमीन के एक-एक इंच का चित्र दे देगा। तस्करी, इनलीगल माइनिंग तक वह बता देगा। सुरक्षा कारणों से इसमें समय लगेगा। जनहानि रोकने के लिए आकाशीय बिजली चुनौती है। 


यूपी सबसे बड़ा बाजार, यहां दवा भी बनेगी-

सीएम ने कहा कि हम फॉर्मा पार्क बना रहे हैं। यूपी सबसे बड़ा बाजार है। दवा बाहर से क्यों आएगी, दवा भी यूपी में बनेगी। यूपी देश-दुनिया को सप्लाई करेगा। मेडिकल उपकरण का केंद्र यूपी में मेडिकल डिवाइस पार्क के रूप में विकसित कर रहे हैं। एआई टूल के माध्यम से आपकी भाषा में सहजता से जानकारी मिलेगी। जितना उत्पादन किसान वर्तमान में कर रहा है, उससे तीन गुना अधिक उत्पादन का सामर्थ्य धऱती माता रखती है। अच्छे बीज, टेक्नोलॉजी, वेदर अलर्ट की जानकारी समय पर देनी होगी। 8 से 10 साल पहले तक मध्य यूपी के किसान दो और बुंदेलखंड का किसान एक फसल बमुश्किल लेता था। आज तीन फसल ले रहे हैं। धान कटने के बाद मक्का की खेती प्रारंभ हो जाती है, फिर गेहूं बो लेते। फिर नई फसल की तैयारी में जुट जाते। मध्य यूपी में एक किसान एक एकड़ में एक लाख की नेट प्रॉफिट मक्का की खेती से कमा रहा था।  


आज 204 टीएचआर प्लांट लगे हैं-

सीएम योगी ने कहा कि महिला स्वयंसेवी समूह माफिया का मकड़जाल था। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषाहार वितरित होता था। 2017 के पहले शराब की सप्लाई करने वालों के पास ही इसका भी ठेका था। इससे पात्र माताओं व कुपोषित बच्चों को यह नहीं मिल पाता था। मकड़जाल तोड़ने का बहुत प्रयास किया। अंत में तय किया कि टेक होम राशन का प्लांट लगवाएंगे। रक्षा मंत्रालय से जुड़े क्वालिटी कंट्रोल के लैब को थर्ड पार्टी के रूप में जोड़ा। जो सबसे अच्छी क्वालिटी दे सकता हो, उसे जोड़ने की कार्रवाई प्रारंभ की। ट्रेनिंग के साथ टीएचआर को बढ़ाया। लोकल किसानों द्वारा जो स्थआनीय फसलों को प्राथमिकता मिले। आज 204 टीएचआर प्लांट लगे हैं। 60 हजार महिलाएं हर महीने 8 हजार रुपये कमा रही हैं। सीएम ने बताया कि आज 57  हजार ग्राम पंचायतों में बीसी सखी सेवाएं दे रही हैं। उनका हजारों करोड़ का टर्नओवर और सैकड़ों करोड़ का लाभांश है। ग्राम पंचायतें ग्राम सचिवालय को तथा नगर निकाय आत्मनिर्भर इकाई बन सकती है। नए पंचायत में फेयर प्राइस शॉप दे रहे हैं। उसके पीछे गोदाम बना लें, यह अतिरिक्त आमदनी का जरिया बनेगा। हर गांव पांच से सात लोगों को रोजगार दे रहा है। ग्रामीण हॉट बनाकर गांव को इनकम के साथ जोड़ लें। स्थानीय स्तर पर शॉपिंग मॉल या गांव के तालाब का व्यावसायिक उपयोग शुरू करें तो गांव को आत्मनिर्भर बनाने में देर नहीं लगेगी। 1500 की आबादी का गांव अपने यहां फाइनेंस कमीशन द्वारा जो पैसा दिया जा रहा है, उसके अतिरिक्त आमदनी करता है तो पांच गुना अधिक पैसा उस गांव को राज्य सरकार से उपलब्ध कराया जाएगा। 


नीयत साफ, नीति स्पष्ट होती तो सफलता मिलने में देर नहीं लगती-

सीएम ने कहा कि संभावना को बढ़ाने के लिए खुद को तैयार करना होगा। मानसिकता होनी चाहिए कि हम गुलाम नहीं हैं। हमारा संकल्प विकसित भारत होना चाहिए। नीयत साफ, नीति स्पष्ट होती है तो सफलता मिलने में देर नहीं लगती। सीएम ने राम मंदिर बनने और धारा-370 समाप्त होने का जिक्र किया। कहा कि संकल्प की ताकत को जीवन का मंत्र बनाना होगा। 


इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह,  मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी सैनी, सांसद रवि किशन, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल,  विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेंद्र सिंह, गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, पूर्व कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी,  महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय आदि मौजूद रहे।गोरखपुर, 21 सितंबरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रबुद्ध वर्ग समाज को नेतृत्व देने वाला तबका है, जो अपनी प्रतिभा के बल पर समाज को नेतृत्व देने का सामर्थ्य रखते हैं। बुद्धिजीवी तबका समाज को नेतृत्व देने के लिए उठ खड़ा होता है तो दुनिया की कोई भी ताकत उस देश व समाज को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। सीएम ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पीएम मोदी ने देशवासियों का आह्वान किया कि शताब्दी महोत्सव (2047) में कैसा भारत चाहते हैं। यह भारत पूर्वजों के संकल्पों, वर्तमान के सपनों व भावी पीढ़ी की आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाला और आत्मनिर्भर व विकसित हो। सीएम ने कहा कि स्वार्थी व विभाजनकारी राजनीति से उठकर विकास के एजेंडे को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। नौजवान, बुजुर्ग, नौकरीपेशा, श्रमिक, किसान, व्यापारी, महिला हो या पुरुष, सभी के बीच यह चर्चा-परिचर्चा का विषय बनना चाहिए। 


मुख्यमंत्री ने सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत रविवार को भाजपा महानगर द्वारा आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया। सीएम ने कहा कि समारोह में मौजूद बुद्धिजीवियों से अपील की कि अलग-अलग संस्थानों को इसका केंद्र बिंदु बनाएं। विजन डॉक्यूटमेंट में लोगों से चर्चा-परिचर्चा करें और उनके सुझावों को आमंत्रित करें। अच्छे सुझाव को विजन डॉक्यूमेंट में स्थान देंगे। जनपद स्तर पर आए तीन और प्रदेश के पांच बड़े सुझाव को सम्मानित करेंगे। 


जब एक-एक गांव और कस्बा विकसित होगा तो प्रदेश और देश विकसित होग-

सीएम योगी ने कहा कि भारत तब विकसित बनेगा, जब उत्तर प्रदेश विकसित होगा। यूपी तब विकसित होगा, जब गोरखपुर, एक-एक गांव और कस्बा विकसित होगा। स्वयं को उसके अनुरूप बनाना होगा। सीएम ने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु से जुड़े वृतांत को सुनाया। कहा कि उन्होंने दो पेड़ लगाए, समान परिस्थितियां व खाद-पानी दिया, लेकिन दोनों के प्रति उनके व्यवहार में अंतर था। एक पेड़ को पुचकारते थे कि वह आगे बढ़ेगा। वंश में वृद्धि होगी। दूसरे को दुत्कारते थे कि तेरा नाम मिट जाएगा। दोनों पौधे एक समान परिस्थिति में पले-बढ़े, समान सुविधाएं मिलीं, लेकिन व्यवहार का अंतर रहा। जिसे वे पुचकारते थे, वह बड़ा होकर फलने-फूलने लगा, जिसे दुत्कारते थे वह नष्ट हो गया। सीएम ने कहा कि भारत की गुलामी का एक कारण यह भी रहा है कि हमने अपने बंधु-बांधवों के साथ भेदभाव किया। जातीय वैमनस्यता के आधार पर सामाजिक एकता को छिन्न-भिन्न किया। उसका दुष्परिणाम सैकड़ों वर्ष तक देश को हम सबको भुगतना पड़ा। 


अपनापन भूल जाती है गुलामी की मानसिकता-

सीएम ने कहा कि भेदभाव समाज ने किया, लेकिन गुलामी की मानसिकता पूरे देश को झेलनी पड़ी। गुलामी की मानसिकता अपनापन, वैभव व गौरव भूल जाती है और विरासत को विस्मृत कर देती है। भारत के साथ भी यही हुआ है। यहां के लोगों ने मान लिया कि जो भारत का है,  वह पिछड़ेपन का प्रतीक है। हम लोगों ने संस्कृत की जगह इंग्लिश मान लिया। भारत के राष्ट्रीय महापुरुषों की जगह विदेशी हीरो,  सर्वश्रेष्ठ ग्रंथों की जगह विदेशी ग्रंथ,  भारत के लेखकों के मौलिक कृति की जगह किसी विदेशी लेखक की कृति, विरासत में प्राप्त महत्वपूर्ण तथ्य की जगह विदेशी अच्छा है, यह भाव हर भारतीय के मन में भर दिया गया। यह देश गुलामी की मानसिकता में जीता रहा। 


भारत ने हर कालखंड में किया प्रतिकार, लेकिन ताकत बंटी हुई थी-

सीएम योगी ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि देश पर हमले होते थे और भारत चुप रहता था, लेकिन एकता का अभाव था। हर कालखंड में भारत ने प्रतिकार किया, लेकिन ताकत बंटी हुई थी। सुहेलदेव को इतिहास ने गायब कर दिया। उन्होंने एक हजार वर्ष पहले विदेशी आक्रांता सालार समूद को नाको चने चबवाया। सालार मसूद को लोहे के कराहे पर खड़ा करके जिंदा जला दिया था और उसके दोनों सैनिक से कहा था कि अपने देश में बता देना कि गाजी को क्या सजा मिली है। इससे 150 वर्ष तक कोई भारत पर हमला करने का दुस्साहस नहीं कर पाया। 


स्वदेशी ने सबसे पहले किया एकजुटता का प्रदर्शन-

सीएम योगी ने कहाकि पृथ्वीराज चौहान, राणा सांगा, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, सिख गुरु आदि ने शौर्य व पराक्रम दिखाया। आजादी के लिए भारत लड़ सके, इसके लिए सबसे पहले स्वदेशी ने एकजुटता का प्रदर्शन किया था। पहले आर्यसमाज, फिर स्वाधीनता आंदोलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आगमन के बाद स्वदेशी ने नई हुंकार भरी थी। कुछ ही दशकों में भारत स्वतंत्र हो गया, लेकिन स्वतंत्र भारत का भाव क्या होना चाहिए, दुर्भाग्य से यह तय नहीं हो पाया। जिन महापुरुषों को यह तय करना था, वे आजादी के कुछ समय बाद चल बसे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजादी के कुछ समय पहले ही परिदृश्य से गायब कर दिया गया। सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत सभी महापुरुषों का निधन हो गया। 


वैभव, बल-बुद्धि में अग्रणी गिना जाता था भारत-

सीएम ने कहा कि दुर्भाग्य से भारत की नींव को सुदृढ़ करने का दायित्व जिन हाथों में था, उन्होंने उसी गुलामी की मानसिकता का लेपन लगाकर भारत को बढ़ाना प्रारंभ किया। जो भारत कभी वैभवशाली, बल-बुद्धि में अग्रणी गिना जाता था। गुलामी कालखंड में उसकी स्किल, विरासत, मानबिंदुओं को नष्ट करने का दुष्परिणाम सभी ने झेला है। वह संघर्ष आज भी जारी है। उन सभी को एक-एक करके समाप्त करने की रणनीति के पीछे यही भाव था कि भारतीय अपनी परंपरा पर गौरव की अनुभूति न कर सके। हमने भारत को भारत के अनुरूप बढ़ाने का प्रयास ही नहीं किया। 


अटल जी बने प्रधानमंत्री तो किए अनेक प्रयास-

सीएम योगी ने कहा कि 1998 में अटल जी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने प्रयास किया। ग्रामीण मार्गों के सुदृढ़ीकरण समेत अन्य वेलफेयर स्कीम लागू किए गए। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, स्वर्णिम चतुर्भुज हाइवे योजना, अंत्योदय-  अन्नपूर्णा समेत अनेक स्कीम को उन्होंने जारी किया, लेकिन सरकार राजनीतिक अस्थिरता का शिकार हो गई। कार्यक्रम अधूरे रह गए। फिर हताशा-निराशा का लंबा दौर चला, लेकिन 2014 नए भारत के लिए निर्णायक साबित हुआ, जब देश ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना नेतृत्व सौंपा। 


सीएम ने 2014 के पहले और बाद के भारत का बताया अंतर-

सीएम योगी ने 2014 के पहले और बाद के भारत का जिक्र किया। 1947-50 से 2014 तक भारत 11वीं अर्थव्यवस्था बन पाया। 2014 से अब तक चौथी अर्थव्यवस्था बन गया। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा यानी तीन इकॉनमिक पावर अमेरिका, चीन व भारत ही होगा। 2014 के बाद से प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई। हाईवे, मेट्रो, रेलवे, एम्स, आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी,  केंद्रीय विश्वविद्यालय गठित हुए। शिक्षा व स्वास्थ्य के विश्वस्तरीय केंद्र विकसित हुए। भारत ने नए युग में प्रवेश करते हुए हर क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास भी किया। 


सीएम ने इंसेफेलाइटिस के दर्द को किया बयां-

सीएम ने कहा कि भारत पिछले साढ़े पांच वर्ष से 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रहा है। 1977 से 2017 तक इंसेफेलाइटिस के कहर से तड़पते और मरते बच्चों का जिक्र किया। बोले कि 1905 में जापान ने इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन बनाई, लेकिन भारत आने में उसे 100 वर्ष लगे। 2017 में यूपी में जब भाजपा सरकार बनी तो यह बीमारी आज समाप्त हो गई। आज हर परिवार में पर्व का उमंग और नई सुबह का इंतजार करता है। 2014 तक देश में केवल 74 एयरपोर्ट बन पाए थे, आज इनकी संख्या 160 हो गई। एम्स पहले 7 थे, आज 23 हो गई। 450 केंद्रीय विश्वविद्यालय व इंस्टीट्यूट बने हैं। देश में 230 किमी. से बढ़कर 1050 से अधिक किमी. की मेट्रो लाइन बिछ चुकी है। सीएम ने 11 वर्ष में वेलफेयर स्कीम का भी जिक्र किया। 


सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत ने खुद को स्थापित किया-

भारत के सामाजिक सुरक्षा का कवरेज आजादी के बाद से 2014 तक इसका दायरा महज 19 फीसदी तक ही बढ़ा था। 2014 से अब तक 65 फीसदी से अधिक दायरा बढ़ा। दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भ

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