केवल फाइलों तक सीमित न रहें वरिष्ठ अधिकारी, धरातल पर उतरकर परियोजनाओं की देखें प्रगति: मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास विकास विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, बोले मुख्यमंत्री- विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान बनाते समय चयन प्रक्रिया को वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाएं

YUGVARTA NEWS

YUGVARTA NEWS

Lucknow, 4 Oct, 2025 11:58 PM
केवल फाइलों तक सीमित न रहें वरिष्ठ अधिकारी, धरातल पर उतरकर परियोजनाओं की देखें प्रगति: मुख्यमंत्री योगी

4 अक्टूबर, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को आवास विकास विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश के अवस्थापना और शहरी विकास कार्यों को नए स्तर पर ले जाया जाए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी केवल फाइलों तक सीमित न रहें, बल्कि धरातल पर उतरकर परियोजनाओं की प्रगति देखें और जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पारदर्शी व्यवस्था के अंतर्गत कार्यों को आगे बढ़ाएं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान बनाते समय चयन प्रक्रिया को वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाएं ताकि योजनाएं व्यवहारिक तौर पर धरातल पर उतर सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अल्प अवधि, मध्य अवधि और दीर्घकालिक योजनाएं बनाकर विकास परियोजनाओं को समग्रता के साथ आगे बढ़ाया जाए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ, कानपुर एवं मथुरा-वृंदावन के समग्र विकास हेतु 1833 करोड़ रुपए कि लागत से 38 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इनमें मेरठ में 11, कानपुर में 13 और मथुरा वृंदावन में 14 शामिल हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि हर प्रस्ताव को स्थानीय स्तर पर सर्वे और अध्ययन के बाद ही अंतिम रूप दिया जाए, ताकि योजनाएं क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप हों और जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।

 

राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित 28 किलोमीटर ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में संचालित विभिन्न परियोजनाओं को आपस में जोड़ने से आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रीन कॉरिडोर और अन्य अवस्थापना परियोजनाओं के लिए आवश्यक निधि निवेश ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए, ताकि कार्य समयबद्ध ढंग से पूरे किए जा सकें।

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी परियोजनाओं को विभागीय कन्वर्जेंस के माध्यम से धरातल पर उतारा जाए। उन्होंने विकास प्राधिकरणों से कहा कि वे ऐसी परियोजनाएं तैयार करें जो राष्ट्रीय स्तर पर मॉडल साबित हों और साथ ही प्राधिकरण की आय का भी स्रोत बनें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि विकास प्राधिकरण केवल निर्माण तक सीमित न रहें, बल्कि अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने के लिए नवाचार करें।

 

मुख्यमंत्री ने विकास प्राधिकरणों को अपने बॉन्ड जारी करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल प्राधिकरणों की आय बढ़ेगी, बल्कि उनकी कार्यकुशलता और पारदर्शिता पर जनता का विश्वास भी सशक्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि यूपी के विकास प्राधिकरण अपनी योजनाओं को ब्रांड बनाएं और अन्य राज्यों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें।

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्राधिकरण किसी भी भवन का नक्शा तभी पास करें जब उसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं और जल संकट की गंभीरता को देखते हुए यह व्यवस्था अनिवार्य है और इसे हर हाल में लागू कराया जाए।

 

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पीपीपी मॉडल पर कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया जाए। साझा राजस्व के आधार पर प्राधिकरण भूमि उपलब्ध कराए और निवेशक इसका निर्माण व संचालन करें। इससे प्रदेश को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी और निवेश का वातावरण और बेहतर होगा।

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाएं ऐसी हों जो केवल आज की आवश्यकताओं को नहीं, बल्कि आने वाले दशकों की जरूरतों को भी पूरा करें।

 

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अवस्थापना विकास को केवल निर्माण कार्य तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे आर्थिक वृद्धि, पर्यावरण संरक्षण और जनता की सुविधा से सीधे जोड़ना चाहिए। अंत में उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में पारदर्शिता, जनता की भागीदारी और दीर्घकालिक दृष्टि का समावेश होना चाहिए। यही उत्तर प्रदेश को विकसित भारत के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगा।

सर्वाधिक पसंद

Leave a Reply

comments

Loading.....
  1. No Previous Comments found.

moti2