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Mauni Amavasya 2022 Date : कब है मौनी अमावस्या, जानिए इसका महत्व, शुभ मुहूर्त
Go Back | Yugvarta , Jan 20, 2022 09:08 PM
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News Image Lucknow : 
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ मास (Magh Month) 11वां महीना है. इसे दान पुण्य और पूजा पाठ के लिहाज से काफी उत्तम माना गया है. माघ मास की अमावस्या को माघी अमावस्या (Maghi Amavasya) के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था, इसलिए इसे मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) भी कहा जाता है. मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान (Ganga Snan) और व्रत का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के तमाम पाप धुल जाते हैं. इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी को मंगलवार के दिन पड़ रही है. यहां जानिए इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और मौनी अमावस्या के नियम.

मौनी अमावस्या का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी का जल अमृत के समान माना जाता है. इसमें देवताओं का वास होता है. इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है. इसके अलावा मौन व्रत का विशेष महत्व है. इससे व्रत का पुण्य कहीं ज्यादा बढ़ जाता है. पितरों की मुक्ति और तृप्ति के लिए भी ये दिन बेहद खास माना गया है. इस दिन पितरों को तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म करने से वे बेहद प्रसन्न होते हैं और अपने वंश को सुखी और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद देते हैं.

पूरे दिन मौन नहीं रह सकते तो सवा घंटे का मौन रखें
मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने का मतलब है स्वयं के अंतर्मन में झांकना, ध्यान करना और प्रभु की भक्ति करना. सिर्फ मुंह से मौन नहीं रहना है, बल्कि अपने अंतरमन को विचलित होने से बचाना है और प्रभु भक्ति में लगाना है. इससे आपके अंदर सकारात्मकता आती है और आध्यात्मिकता का विकास होता है. अगर आप पूरे दिन मौन व्रत नहीं रख सकते तो सुबह के समय कम से कम सवा घंटे का मौन जरूर रखें और स्नान व दान मौन रहकर ही करें. मौन रहकर स्नान और दान करने से इंसान के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं.

मौनी अमावस्या के नियम
सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर मन में व्रत का संकल्प लें और मौन धारण करके रखें. इस दौरान मन में प्रभु नारायण के नाम का जाप करें. अगर गंगा घाट पर नहीं जा सकते तो घर में पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें. स्नान से पूर्व गंगा जल को हाथ जोड़कर प्रणाम करें. स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और सूर्य को जल में काले तिल डालकर अर्घ्य दें. इसके बाद नारायण की पूजा करें और मंत्रों का जाप करें. इसके बाद सामर्थ्य के अनुसार दान करें. अगर चाहें तो दिन में फल और जल लेकर व्रत रखें.

मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
माघ अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 जनवरी दिन सोमवार को देर रात 02 बजकर 18 मिनट पर होगा और अगले दिन 01 फरवरी दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 15 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के हिसाब से अमावस्या 1 फरवरी को होगी. स्नान और दान आदि के काम भी 1 फरवरी की सुबह किए जाएंगे.
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