मंदिरों के अंदर जाने से पहले क्यों बजाई जाती है घंटी?
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Yugvarta
, Aug 12, 2021 06:51 PM 0 Comments
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Lucknow :
आपने किसी भी मंदिर में घुसने से पहले घंटी तो जरूर देखी होगी. आपने देखा होगा कि उस घंटी को बचाने के बाद ही लोग मंदिर में प्रवेश करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मंदिर में आखिर घंटी क्यों लगाई जाती है और इसे बजाने के बाद ही लोग मंदिर के अंदर क्यों जाते हैं?
मंदिर में घंटी लगाने की वजह बेहद खास है. जब भी कोई भक्त मंदिर में आता है, तब पूजा-पाठ के दौरान भी घंटियां बजाई जाती हैं. मान्यता है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत हो जाती है. घंटी बजाने के बाद पूजा करने से भक्त द्वारा की गई पूजा पहले से अधिक फलदायक होती है.
पुराणों में भी कहा गया है कि मंदिर में घंटी बजाने से इंसान के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ, तब जो नाद यानि आवाज गूंजी थी. वैसी ही आवाज मंदिर की घंटी बजाने पर भी आती है. इस कारण मंदिर में प्रवेश करने से पहले घंटी बजाई जाती है. इसके अलावा मंदिर के बाहर लगी घंटी काल का प्रतीक मानी जाती है.
संत-महात्माओं के मुताबिक, माना जाता है कि जब धरती पर प्रलय आएगा. तब घंटी बजाने जैसा ही नाद सुनाई देगा. मंदिर में घंटी बजाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, जब मंदिर में घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा हो जाता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है.