मुकेश अंबानी ने जताया भरोसा, 2047 तक देश अमेरिका और चीन के बराबर पहुंच सकता है
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Yugvarta
, Jul 26, 2021 11:48 AM 0 Comments
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Mumbai : "मुकेश अंबानी" उद्योग जगत का एक ऐसा चेहरा जिससे शायद ही कोई अंजान हो। बेशुमार दौलत, एशिया से लेकर गल्फ देशों में फैला करोड़ों का साम्राज्य और देश की अर्थव्यवस्था का एक ठोस स्तंभ। देश के भविष्य को लेकर मुकेश अंबानी ने अमेरिका और चीन से भारत की तुलना करते हुए अंदाजा लगाया है। उद्योगपति मुकेश अंबानी का मानना है कि आने वाले तीस सालों में भारत, अमेरिका और चीन के बराबर पहुंच जाएगा। आर्थिक उदारीकरण के तीस साल पूरे होने के मौके पर रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन ने कॉलम लिखते हुए कहा कि साहसिक आर्थिक सुधारों की वजह
अपने लेख में अंबानी ने कहा कि भारत 1991 में कमी वाली अर्थव्यवस्था था जो 2021 आधिक्य वाली अर्थव्यवस्था में तब्दील हो गया। अब भारत को खुद को 2021 तक टिकाऊ स्तर पर स्तर पर आधिक्य और सभी के लिए समान समृद्धि वाली अर्थव्यवस्था में तब्दील करना है।
से 1991 में जो हमारा सकल घरेलू उत्पाद 266 अरब डॉलर था उससे दस गुना से अधिक बढ़ने में मदद की।
सरकार ने निजी क्षेत्र को भी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की ऊंचाईयों पर रखा
अपने लेख में अंबानी ने कहा कि भारत 1991 में कमी वाली अर्थव्यवस्था था जो 2021 आधिक्य वाली अर्थव्यवस्था में तब्दील हो गया। अब भारत को खुद को 2021 तक टिकाऊ स्तर पर स्तर पर आधिक्य और सभी के लिए समान समृद्धि वाली अर्थव्यवस्था में तब्दील करना है। अंबानी ने लिखा कि सरकार ने निजी क्षेत्र को भी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की कमांडिंग ऊंचाइयों पर रखा, जिस पर पिछले चार दशकों से सार्वजनिक क्षेत्र का कब्जा था। इसने लाइसेंस-कोटा राज, उदारीकृत व्यापार और औद्योगिक नीतियों को समाप्त कर दिया, और पूंजी बाजार और वित्तीय क्षेत्र को मुक्त कर दिया। इन सुधारों की वजह से वित्तीय क्षेत्र मुक्त हो सका और और औद्योगित नीतियां उदार हुईं।
पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सहायक बने ये सुधार
अंबानी ने कहा कि इन सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद की। इस दौरान जनसंख्या 88 करोड़ से बढ़कर 138 करोड़ होने के बावजूद गरीबी दर आधी रह गई। प्रमुख बुनियादी ढांचे में मान्यता से परे सुधार हुआ है। हमारे एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डे और बंदरगाह अब विश्व स्तरीय हैं, और कुछ ऐसा ही हमारे कई उद्योग और सेवाओं के साथ भी है।