कोविड से उबर चुके लोगों पर 12 महीनों तक काम कर सकती है कोविशील्ड की एक ही खुराक- शोध में हुआ खुलासा
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Yugvarta
, Jun 16, 2021 02:34 PM 0 Comments
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NEW DELHI : भारत में कोरोना वैक्सीन की कमी के मद्देनजर एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी) अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर डी नागेश्वर रेड्डी ने कहा है कि ये जरूरी है कि वैक्सीन का इस्तेमाल पूरी सावधानी और समझदारी से किया जाए। उन्होंने एआईजी में हुई रिसर्च हवाले से बताया है कि जो लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं उनके लिए 12 महीनों तक कोविशील्ड की एक ही खुराक लेना काफी है।
एआईजी द्वारा किया गया ये शोध इंटरनेशनल जनरल ऑफ इन्फेक्शियस डिजीज में पब्लिश हुआ है। डॉक्टर रेड्डी ने इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया है कि इस शोध में उन्होंने अस्पताल के
भारत के एक अस्पताल में हुए शोध में पता चला है कि ऐसे लोग जो कोविड से ठीक हो चुके हैं उनके ऊपर कोविशील्ड की एक ही खुराक करीब 12 महीनों तक असरदार बनी रहती है। वैक्सीन की कमी के मद्देनजर ये शोध काफी अहम हो सकता है।
स्टाफ को दो अलग-अलग ग्रुपों में बांटकर उन्हें वैक्सीन की खुराक दी थी। इनमें से एक ग्रुप में वो लोग शामिल थे, जो कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए थे और दूसरे ग्रुप में वो लोग शामिल थे, जो पहले इससे संक्रमित हो चुके थे।
आपको बता दें कि वैक्सीन की खुराक को लेकर अब तक कई तरह के शोध सामने आ चुके हैं। इन सभी शोध का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन और विश्लेषण भी किया जाता है। कुछ समय पहले एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड शरीर के अंदर अधिक एंटीबॉडीज का निर्माण करती है, जिससे हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता है।
इस रिपोर्ट पर कोवैक्सीन को बनाने वाली कंपनी ने बयान जारी कर कहा था कि इस तरह के तुलनात्मक अध्ययन का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। रिपोर्ट में ये भी साफ किया गया था कि भारत में निर्मित दोनों ही वैक्सीन वायरस पर कारगर हैं। यहां पर इस बात को भी ध्यान में रखना जरूरी है कि वैक्सीन की खुराक को लेकर देश ही नहीं दुनियाभर में मंथन चल रहा है। भारत की ही बात करें तो यहां पर कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच समय को बढ़ाकर 12 सप्ताह का कर दिया गया है। वहीं, कोवैक्सीन पर ये लागू नहीं होता है।