» विदेश
कल से बांग्लादेश के दौरे पर पीएम मोदी, कोरोना संकट के बाद पहला विदेश दौरा, जानें यात्रा का शेड्यूल और एजेंडा
Go Back | Yugvarta , Mar 25, 2021 09:08 PM
0 Comments


0 times    0 times   

NEW DELHI :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कोरोना महामारी फैलने के बाद पहली बार विदेश यात्रा पर होंगे। वह 26 मार्च को बांग्लादेश पहुंचेंगे। वह बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस और इसके संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के जन्मशती समारोह में शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बांग्‍लादेश यात्रा के बारे में गुरुवार को कहा- मैं 26-27 मार्च को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर बांग्लादेश के दौरे पर रहूंगा। मुझे खुशी है कि कोरोना की शुरुआत के बाद मेरी पहली विदेश यात्रा मित्र पड़ोसी देश के साथ होगी जिसके साथ भारत के गहरे सांस्कृतिक, भाषाई रिश्‍ते रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कोरोना महामारी फैलने के बाद पहली बार विदेश यात्रा पर होंगे। वह 26 मार्च को बांग्लादेश पहुंचेंगे। वह बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस और इसके संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के जन्मशती समारोह में शिरकत करेंगे।



यात्रा के क्‍या हैं मायने
इस दौरे कई राजनीतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक मायने निकाले जा रहे हैं लेकिन इस अवधि में वे जिन तीन स्थानों पर जाएंगे। इसमें एक है तुंगीपाड़ा स्थित बंगबंधु मेमोरियल यानी बांग्लादेश का संस्थापक मुजीबुर्र रहमान की जन्मस्थली। इसके बाद वे दो मंदिरों में दर्शन के लिए जाएंगे, जिनका अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। इसमें एक है ओराकांडी स्थित मतुआ समुदाय का हरिचांद ठाकुर की स्थली ठाकुड़ बाड़ी और दूसरा है बोडि़शाल का सुगंधा शक्तिपीठ। इसके अलावा तिस्ता नदी संधि पर भी चर्चा करेंगे। आइए, जानते हैं इन तीनों के बारे में...

113 किमी तुंगिपारा में बंगबंधु तीर्थ
(ढाका से तुंगिापारा)तुंगिपारा मुजीबुर्र रहमान की जन्म स्थली है। बांग्लादेश को वर्ष 1971 में आजाद करवाने वाले बंगबंधु मुजीबुर्र रहमान इसी भव्य मकबरे के अंदर दफन हैं, जिसे बंगबंधु समाधि कहा जाता है। 15 अगस्त 1975 को वे ढाका में धनमंडी की 32 नंबर सड़क के 677 नंबर का मकान में थे। उस वक्त सेना की दो बटालियन ने विद्रोह कर उनके घर पर हमला बोल दिया और उनकी हत्या कर दी थी। यहां बंगबधु संग्राहलय है। पिछली बार के दौरे में प्रधानमंत्री मोदी इस संग्राहलय को देखने गए थे।

ठाकुर बाड़ी: (ढाका से ओराकांडी) 144.6 किमी
ढाका से लगभग 144.6 किमी दूर ओराकांडी मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिचांद ठाकुर का मंदिर है। 1860 में उन्होंने यही से धार्मिक सुधार आंदोलन शुरू किया था। वैष्णव धर्म की ही एक शाखा के रूप में मतुआ संप्रदाय की स्थापना की। इस समुदाय में समाज के उस वर्ग को मान-सम्मान अधिकार दिया जो अछूत माने जाते थे। उन्होंने इन्हें नामसूद्र नाम दिया। हरिचांद ठाकुर के धाíमक सुधार का उद्देश्य शैक्षिक और अन्य सामाजिक पहुलों के माध्यम से समुदाय का उत्थान करना था। समुदाय के सदस्य ठाकुर को भगवान और विष्णु या कृष्ण का अवतार मानते हैं।

बंगाल के 30 विधान सीटों पर मतुआ समुदाय का असर
वर्ष 1947 में विभाजन के बाद इस समुदाय के बहुत से लोग भारत आए गए और बंगाल में 24 परगना, दक्षिण परगना, नदिया, जलपाइगुड़ी, सिलीगुड़ी, कूच बिहार और ब‌र्द्धमान के इलाकों में फैल गए। इनकी आबादी लगभग दो-तीन करोड़ लोग फैले हुए हैं। बंगाल के 30 विधान सीटों पर इनका असर है। माना यह जा रहा है कि पीएम मोदी के दौरे से समुदाय के बड़े हिस्से का समर्थन भाजपा को मिल सकता है। ओराकांडी में तैयार हो रहा है हेलिपैड: ओराकांडी में हेलिपैड तैयार पीएम मोदी करीब आधे घंटे मतुआ मंदिर में रहेंगे। वहां पहुंचने के लिए हेलिपेड तैयार किया जा रहा है।

188.8 किमी (ढाका से बॉरिशाल) सुगंधा सहित सात शक्तिपीठ
बांग्लादेश में सुगंधा शक्तिपीठ (सतीपीठ) बांग्लादेश के बॉरिशाल जिले के शिकारपुर में है शक्तिपीठ है। यह शक्तिपीठ देवी सुनंदा को समíपत और 51 शक्तिपीठ मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि यहां देवी की नाक गिरी थी। देवी सती के आत्म-विसर्जन के बाद, उनके पति शिव ने उनके अवशेषों को उठाया और विनाश का आकाशीय नृत्य किया। इस विनाश को रोकने के प्रयास में, विष्णु ने सती की लाश पर सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल किया, जिससे उनका शरीर अलग हो गया और दुनिया भर के विभिन्न स्थानों पर गिर गया। प्रत्येक स्थान जहां उसके शरीर का एक हिस्सा गिर गया था उसे शक्ति पीठ कहा जाता है। जबकि उनमें से अधिकांश भारत में हैं, सात बांग्लादेश में, तीन पाकिस्तान में, तीन नेपाल में और एक-एक चीन और श्रीलंका में हैं।

ढाका से 169 किमी दूर स्थित कुश्टिया स्थित शिलाईदह कुटी बाड़ी
कविगुरू रवींद्र नाथ टैगोर का पैतृक निवास है। यह घर उनके दादा द्वारकानाथ टैगौर ने बनवाया था। वे भारत के पहले उद्योगपति माने जाते हैं जिन्होंने अंग्रेजों के साथ पार्टनरशिप में कंपनी बनाई थी। वर्ष 1891 से 1901 के बीच वे कई बार यहां आए और लंबी अवधि के लिए रुके। इस मकान में रहते हुए रवींद्र नाथ ठाकुर ने कई शोनार तोड़ी, कॉथा ओ काहिनी, चैताली जैसी कालजयी रचनाएं लिखी। नोबल विजयी रचना गींताजलि का बड़ा अंश और व इसका अंग्रेजी अनुवाद भी उन्होंने इसी मकान में रहते हुए किया था। इस पर ही उन्हें नोबल का साहित्य पुरस्कार मिला था। वर्तमान में इस घर को बांग्लादेश पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किया गया है और टैगोर मेमोरियल संग्रहालय बना दिया गया है। यहां टैगोर के रोजमर्रा के उपयोग की कई वस्तुएं जैसे उनके बिस्तर, अलमारी और उनके हाउसकोट को यहां प्रदर्शन पर रखा गया है।

169 किमी दूर स्थित कुश्टिया में बाघा जतिन का पैतृक घर
जतीन्द्रनाथ मुखर्जी, जिन्हें बाघाजतिन (बाघ जतिन) के नाम से जाना जाता है, एक दार्शनिक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म कुष्टिया जिले के गांव कायग्राम में हुआ था, जहां उनका पैतृक निवास स्थित है। बंगाल टाइगर से लड़ने और खंजर से मार गिराने के बाद उन्हें बाघा नाम से जाना जाने लगा। जतिन युगांतर (जुगांतर) पार्टी के पहले कमांडर-इन-चीफ थे, जो 1906 में बंगाल में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों को प्रशिक्षित करती थी। लॉर्ड कर्जन ने जब विभाजन की घोषणा की तो जतिन ने ही नारा दिया था- आमरा मोरबो, जगत जागवे (हम देश को जगाने के लिए मरेंगे)। उससे प्रेरित होकर कई क्रांतिकारी युवा इस पार्टी में शामिल हो गए। उडि़सा के बालासोर में अंग्रेजों से गोरिल्ला लड़ाई में वे शहीद हो गए थे।

विभिन्न समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की मानें तो पीएम मोदी की इस दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के दौरान विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। साथ ही बांग्‍लादेश से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए नई घोषणाएं भी की जा सकती हैं। श्रृंगला ने बीते दिनों कहा था कि यह यात्रा बेहद खास है। इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर रहेगा। माना जा रहा है कि बांग्‍लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ प्रधानमंत्री मोदी की शिखर वार्ता के दौरान संपर्क, वाणिज्यिक मामलों, जल प्रबंधन, सुरक्षा और सीमा प्रबंधन जैसे मसलों पर चर्चा होगी।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT




Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन करने के बाद
उत्तराखंड के अलावा इन बड़े राज्यों में
अभिनेता सिद्धार्थ के साथ विवाह बंधन में
प्रबुद्ध सम्मेलन के जरिए क्लीन स्वीप का
प्रबुद्ध सम्मेलन में CM योगी बोले
लोकसभा चुनाव 2024 :'अबकी बार 400 पार'
 
 
Most Visited
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख
(430 Views )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया
(420 Views )
Lok Sabha Election 2024: BJP
(330 Views )
गुरु रविदास जी महाराज के 647वें प्रकाश
(322 Views )
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी लाइव : यूपी मतलब
(263 Views )
Lok Sabha Elections / बज गया चुनाव
(236 Views )